मरने के बाद भी पुलिस का पीछा नहीं छूट रहा कल्लू पाल से

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Kalloo-pal-Hangama6फर्रुखाबाद: दोस्ती दांत काटे की हो तो दुश्मनी के बाद भी पीछा नहीं छोड़ती| हाल कुछ ऐसा ही पुलिस वालो का हो रहा है कल्लू की मौत के बाद| मरने के बाद पुलिस को तो पिटवा ही गया रहस्यमय मौत पर सवाल भी खड़ा करवा दिया| लेकिन पूरे मामले में कल्लू से ज्यादा दोषी पुलिस ही है| क्यों वर्षो तक सट्टे के कारोबार से चार पैसो की ऊपरी कमाई के लालच में उसे पालते रहे? हिस्ट्रीशीटर कल्लू पाल की मौत के 18 घंटे बीत जाने के बाद भी पंचनामा भरना ही गुरूवार को पुलिस के लिए भारी पड़ गया|
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बुधवार देर शाम लगभग 4 बजे कल्लू की आत्महत्या के बाद पुलिस मौके पर चंद ही मिनटों में पहुंच गयी| उसकी लाश को आनन फानन में कपडे में बांध कर लोहिया अस्पताल में भिजवा दिया| जहाँ लाशघर में उसकी लाश रख दी गयी| मगर उसके शव के पंचनामे के लिए पुलिस सुबह 10 बजे तक लोहिआ अस्पताल में नहीं पहुंची| बस यही लापरवाही कारण बनी पुलिस की पिटाई का| कल्लू पाल के दिल्ली से दोनों भाई बालकृष्ण और बालमुकुंद अपने परिवार के साथ आ गए| इसी के साथ लोहिया अस्पताल परिसर में कल्लू पाल के समर्थको का हुजूम उमड़ने लगा| पुलिस इसे भाप नहीं पायी| पंचनामा में देरी होने पर मौजूद जनता कल्लू पाल अमर रहे और पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाने लगी| इसके बाद भीड़ ने आवास विकास तिराहा जाम कर दिया|

“>Kalloo-pal-Hangama4जाम खुलवाने गए दरोगा और सिपाहियों के डंडे महिलाओं ने छीन लिए और पुलिस को दौड़ा लिया| इसी बीच महिलाओं ने घेर कर चप्पले चला दी| पुलिस अब आशय हो चली थी| जिले में मौजूद रैपिड एक्शन फ़ोर्स (एक जीप हमेशा तैयार रहती है), स्वाट टीम और मजिस्ट्रेट का कोई अता पता नहीं चला| फिलहाल जनता ने जमकर नुक्सान किया| कल्लू मौत के बाद भी पुलिस का पीछा छोड़ने के लिए तैयार नहीं है| काफी देर बाद नगर मजिस्ट्रेट लोहिया अस्पताल में पहुंचे थे|