फर्रुखाबाद: बुधवार को हुई शातिर हिस्ट्रीशीटर कल्लू पाल की संदिग्ध मौत के बाद गुरूवार को परिजनों और शुभचिंतको का गुस्सा पुलिस पर भड़क गया है| परिजन पुलिस को कल्लू पाल की मौत का जिम्मेदार मान रहे है| सुबह 10 बजे से ही परिजन और कल्लू के मोहल्ले के लोग आवास विकास तिराहे पर जमा होकर प्रदर्शन कर रहे थे| प्रदर्शनकारियों में महिलाओ और युवको की संख्या ज्यादा होने से पुलिस को लेने के देने पड़ गए| सड़क पर लगे जाम ओ हटाने गए दरोगा और सिपाही से जनता में हाथापाई कर दी जिसमे एक सिपाही घायल हो गया और जान बचाने के लिए दरोगा पास में ही बने डॉ कनोजिया के क्लीनिक में घुस गए| इसके बाद जनता पीछा करती हुई डॉ कनोजिया के क्लीनिक में घुसी और जमकर तोड़फोड़ कर दी|
आक्रोशित भीड़ इसके बाद आवास विकास कॉलोनी में बने सरकारी जिला चिकित्सालय डॉ राम मनोहर लोहिआ अस्पताल में पहुंची और ओ पी डी में जमकर तोड़फोड़ कर दी| गेट पर लगे शीशे तोड़ डाले और फर्नीचर तहस नहस कर दिया| लगभग 2 सैकड़ा की भीड़ के आगे पुलिस बेबस हो चुकी थी| खबर लिहे जाने तक तोड़फोड़ चालू थी|(12 PM)
ज्ञात हो कि कभी सट्टेबाजी में हिस्सेदारी के चक्कर में पुलिस कल्लू पाल को पालती रही है| पुलिस की गोद में बैठा कल्लू निरंकुश हो चला और उसने जनता को भय दिखाकर रंगदारी वसूलनी शुरू कर दी| इसके बाद व्यापर मंडल आदि संगठनो ने विरोध करना शुरू कर दिया तो पुलिस की फजीहत भी खूब हो रही थी और कल्लू पाल पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रहा था| कल बुधवार को अचानक शाम के समय कल्लू का शव उसके घर के सामने पड़ा मिला| पास ही तमंचा पड़ा था और कांपती पर गोली लगी थी| प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा था| मगर इस सबके बीच ये खबर मिली की सादे कपड़ो में पुलिस की भी घेराबंदी थी इसके बाद कल्लू की मौत पर सवाल उठने लगे थे|
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