फर्रुखाबाद:(कमालगंज)बीते 22 जुलाई को अचानक लोहिया ग्राम शेखपुर सराय का निरिक्षण करने पंहुचे जिलाधिकारी से ग्रामीणों ने पड़ोसी ग्राम सभा के लोगो द्वारा अपने मबेशीयो के द्वारा तकरीवन एक दर्जन गाँवो के खेतो को चरा लेने की शिकायत की तो जिलाधिकारी ने तीन सदस्यो की एक टीम गठित कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिये| लेकिन आदेश के बाद भी न ही पुलिस सक्रिय हुई और ना ही जानवर पालने वालो ने अपने जानवर बांधे जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है| अगर पुलिस जल्द नही चेती तो 14 साल पहले खेली गयी खून की होली एक बार अपना रंग दिखा सकती है|
जिलाधिकारी नरेन्द्र कुमार ने कमालगंज विकास खंड क्षेत्र के लोहिया ग्राम ग्राम शेखपुर सरह का निरिक्षण किया था | इस दौरान उन्होंने चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्याए सुनी तो ग्रामीणों ने डीएम से शिकायत की और कहा की विकास कार्यो से जादा महत्वपूर्ण उनके लिए जीविका है| लेकिन पड़ोसी ग्राम सभा कुंडपुरा के लोगो के पास तकरीवन 2500 जानवर है जो यंहा तकरीवन एक दर्जन गांव के खेतो में खड़ी फसल चट कर जाती है|
तकरीवन इस मामले में 12 जुलाई 2000 को पहले एक साथ चार हत्याए भी हो चुकी है| जिसमे कश्मीर सिंह, मलिखान सिंह, मुकेश व जसमीर की हत्या की गयी थी| जिसमे दोनों पक्षों के महेश चन्द्र, सुभाष चन्द्र, प्रमोद शुक्ला, बबलू, मोनू शुक्ला, कक्कन आदि तकरीवन एक दर्जन लोग जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे है| शिकायत पर जिलाधिकारी भडक गये थे और उन्होंने थानाध्यक्ष यतेन्द्र यादव को तत्काल सूचना मबेसियो के मालिको को जानकारी दी जाये की वह अपने जानवर बंध ले| यदि इसके बाद भी जानवर यदि खेतो में घुसते है तो गुंडा एक्ट की कार्यवाही की जाये| उन्होंने इसके लिए ग्राम पंचायत सचिव व सम्बन्धित लेखपाल सहित तीन सदस्यीय टीम गठित कर रिपोर्ट थाने के साथ साथ उनको भी देने के निर्देश दिये|
कमेटी में शामिल ग्राम सचिव हरीश चन्द्र, प्रधान बलवीर ने कोतवाली में कहा है की उनके समझाने के बाद भी कोई भी अपने जानवर बाधने को तैयार नही है| सिमित ने कई मवेशी मालिको के नाम से शिकायत कोतवाली में की है| जानवर ना बाँधने से ग्रामीणों में आक्रोश है| अगर प्रशासन ने कोई ठोस कदम नही उठाया तो दो गाँवो के बीच खून की होली खेली जाये|