लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को सरकार ने हंगामे के बीच अप्रत्याशित रूप से 2,74,704.59 करोड़ रुपए का बजट पारित करा दिया। विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते रहे और मात्र एक घंटे में बिना चर्चा के बजट पारित करने की कार्रवाई निपटा दी गई। विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। तय कार्यक्रम से 11 दिन पूर्व ही सदन स्थगित किए जाने से विपक्ष नाराज है।
विपक्ष के जोरदार हंगामे के दौरान सरकार ने महज 60 मिनट में 60 विधेयक पारित करवा दिये। बसपा के हंगामे के चलते प्रश्नकाल नहीं हो सका। सुबह से ही सदन की कार्यवाही ठप रही। 12.20 बजे प्रश्नकाल खत्म होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने हंगामे के बीच सदन में कई विधेयक पारित करा दिए।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी सदन में अफरातफरी का माहौल बना रहा। बजट पेश करते समय संबंधित कई मंत्रियों की गलतियों को सुधारने के लिए विधानसभा अध्यक्ष कई बार नाराज भी हुए। जल्दबाजी में बजट निपटाने के फेर में एक-एक मंत्री से कई विभागों का बजट पेश कराए गए। इस दौरान चर्चा नहीं होने से जहां परम्परा टूटी, मुख्यमंत्री भी बजट के बाद सदन का धन्यवाद भी न कर सके। भाजपा के डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बजट पारित करने के इस ढंग को बसपा-सपा की मिलीभगत बताया
बसपा ने आरोप लगाए कि यूपी में बेतहाशा बढ़ रही मंहगाई से लोगों की कमर टूट रही है और यूपी में जंगलराज कायम हो चुका है।
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