आद्रा नक्षत्र के अंतिम दिन हुई वर्षा

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Rainफर्रुखाबाद: आद्र्रा नक्षत्र के अंतिम दिन रविवार को भी बदरा झूम कर बरसे। बारिश हालाँकि कम हुई मगर बादलो से ढके आसमान ने सूरज की तपिश जरुर रोके रखी| मौसम में नमी आ गई वहीं शहर की स्थिति नारकीय हो गई। जाम नालियों का पानी सड़कों पर फैल जाने से लोगों को काफी परेशानी हुई। निकासी के अभाव में कई मुहल्लों में भी जल जमाव हो गया। सड़ांध से लोगों का जीना दूभर हो गया। आसमान में उमड़ते-घुमड़ते काले व भूरे बदरा रविवार को तकरीबन 99.04 मिलीमीटर पानी बसरा गए।

बारिश में बढ़ते मच्छर डाल सकते परेशानी में

इस समय मच्छरों के काटने से लोग तमाम तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इसमें मलेरिया, टाईफायड आदि का तो प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। जिला अस्पताल में ही रोजाना बुखार आदि मौसमी बीमारियों के दर्जनों मरीज पहुंच रहे हैं।

मलेरिया मुख्यत: संक्रमित मादा मच्छर एनीफीलिज के काटने से होने वाला बुखार है। यह मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वह अपने लार के साथ उसके रक्त में मलेरिया परजीवियों को छोड़ देता है। मच्छर काटने के दस से बारह दिनों में रोग के लक्षण प्रकट होने लगते हैं। यही नहीं मलेरिया के रोगी को काटने के बाद संक्रमित मच्छर जितने भी स्वस्थ लोगों को काटता है वह भी चपेट में आते जाते हैं।

मलेरिया के लक्षण

-शरीर में कंपकपी के साथ सामान्य या तेज बुखार।

-तेज सिरदर्द।

-पेट का दर्द व उल्टी।

-भूख न लगना।

-लीवर की असामान्यता के कारण रक्त शर्करा में कमी होना।

क्या करें मरीज

-मरीज को लगातार बुखार आने पर रक्त जांच जरूर कराएं।

-जांच के पूर्व मलेरिया की दवा क्लोरोक्विन न लें।

-बीमारी में एस्प्रिन, डिस्प्रीन या ब्रुफेन न लें अन्यथा पेट दर्द हो सकता है।

-शरीर का तापमान अधिक होने पर मरीज को ठंडे पानी की पट्टी दें।

-घर के आस-पास पानी जमा न होने दें।

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