फर्रुखाबाद: प्रदेश सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए फैसला लिया है कि इस बार प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठ तक के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं दी जाएगी। यह घोषणा समाज कल्याण विभाग को आवंटित किए गए बजट में की गई है। इस निर्णय से जिले के करीब 4.75 लाख छात्र-छात्राएं वजीफे के लाभ से वंचित हो जाएंगे। यह वजीफा अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, सामान्य जाति व अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं को दिया जाता था। इससे पहले प्रदेश सरकार लैपटॉप, कन्या विद्याधन तथा अपनी बेटी उसका कल योजना के लिए धनराशि आवंटित न करने का फैसला ले चुकी है।
प्रदेश की सपा सरकार दो साल पहले विद्यार्थियों पर ज्यादा मेहरबान हुई थी लेकिन लोकसभा चुनाव में उसका लाभ नहीं मिला। बताते हैं कि इस कारण प्रदेश सरकार ने भी केंद्र सरकार की तर्ज पर क ई कड़े फैसले कर दिए हैं। उनमें से कुछ फैसला शिक्षा के क्षेत्र के भी हुए हैं। क्योंकि सरकार का मानना है कि इन मदों में करोड़ों रुपये खर्च करने से न तो प्रदेश का विकास होगा और न ही सरकार का हित होने वाला है।
प्रदेश भर में मिलते थे 320 करोड़, अब मात्र एक करोड़
प्रदेश सरकार ने समाज कल्याण विभाग को प्रदेश के सभी जिलों के लिए इस साल मात्र एक करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जबकि पिछले साल 325 करोड़ रुपये रिलीज किए गए थे। एक करोड़ रुपये से प्राथमिक शिक्षा में किन श्रेणी के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी, इस बारे में जल्द ही संशोधित नियमावली बनने के संकेत मिले हैं।
शादी अनुदान भी बंदी के कगार पर
प्रदेश सरकार ने शादी अनुदान के बारे में भी इसी तरह का फैसला लिया है। पिछले वित्तीय वर्ष तक शादी अनुदान के लिए प्रदेश सरकार सभी जिलों को करीब 40 करोड़ रुपये रिलीज करती थी लेकिन इस बार मात्र एक करोड़ रुपये प्रदेश के सभी जिलों के लिए आवंटित हुए हैं। इस मद में भी कम राशि आवंटित करने के पीछे संकेत मिले हैं कि कुछ ही जरूरत मंद को इस योजना का लाभ जरूरत पड़ने पर दिया जा सकता है।
‘सरकार ने छात्रवृत्ति और शादी अनुदान को एक-एक करोड़ का बजट ही आवंटित किया है’
– के राम मोहनराव, सचिव समाज कल्याण
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