नई दिल्ली:रेल किराये में भारी वृद्धि का झटका देने के बाद केंद्र की नई सरकार देश की जनता को एक और कड़वा डोज देने की तैयारी में जुट गई है। घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस की नई कीमत पर संभावित महत्वपूर्ण घोषणा की कवायद के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान से मुलाकात की। प्रधानमंत्री तीन दिनों के भीतर दूसरी बार प्रधान से मिले। यह जानकारी सूत्रों ने दी। रविवार की मुलाकात में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली भी शामिल रहे।
एक अधिकृत सूत्र ने बताया कि नई सरकार इस बात की संभावना तलाशने में जुटी है कि घरेलू स्तर पर उत्पादित होने वाले प्राकृतिक गैस की कीमत तय करने को लेकर पूर्व सरकार द्वारा मंजूर रंगराजन फॉर्मूले को लागू करने में कुछ संशोधन किया जा सकता है या नहीं। पिछली सरकार ने अप्रैल में रिलायंस उद्योग से पुरानी कीमत 4.2 डॉलर प्रति इकाई पर आपूर्ति करने को कहा था। इस कीमत की अवधि 31 मार्च को ही पार हो चुकी थी और नई कीमत अब 1 जुलाई से लागू होनी है। देश के पूर्वी तटवर्ती क्षेत्र से रिलायंस ही गैस की आपूर्ति करती है।
नाम जाहिर न करने की शर्त पर सूत्र ने बताया कि नई दरों की घोषणा संभवत: इसी सप्ताह की जा सकती है। चुनाव अयोग ने सरकार से नई दरों की घोषणा चुनाव होने तक टालने का आदेश दिया था। उस समय संभवत: गैस की मौजूदा कीमत दोगनी की जा चुकी थी। रंगराजन फॉर्मूला में गैस की कीमत भारत में आयातित तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) पर औसत खर्च और अमेरिका एवं ब्रिटेन के अंतर्राष्ट्रीय हब में मौजूदा दरों के साथ ही जापान में आयातित गैस के मूल्य को देखते हुए करने की सिफारिश की थी।
सत्ताधारी भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि सत्ता में आने पर वह गैस के दाम के मुद्दे का समाधान निकालेगी। इस फॉर्मूले का कई तरफ से विरोध हुआ है, क्योंकि इससे बिजली महंगी हो जाएगी और यूरिया का खर्च, सीएनजी की दर और पाइप से आपूर्ति होने वाली रसोई गैस के दाम बढ़ जाएंगे। लेकिन उद्योग जगत के संगठन सीआईआई ने सरकार को गैस के दाम पर लिए गए फैसले को लागू करने की मांग करते हुए कहा है कि इससे पीछे हटने पर तेल एवं गैस क्षेत्र में निवेश पर बुरा असर पड़ेगा।