लखनऊ:बद से बदतर होती कानून व्यवस्था से खुद समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव भी बेहद खफा हैं। रविवार को उन्होंने आपात बैठक बुलाकर अखिलेश सरकार के मंत्रियों की जमकर क्लास ली। खबर है कि मुलायम ने मंत्रियों को सामूहिक इस्तीफे से लेकर मंत्रिमंडल में फेरबदल तक की धमकी दी। करीब 5 घंटे तक बंद कमरे में हुई इस मीटिंग में मंत्रियों को उपचुनाव से पहले सरकार की छवि सुधारने का टारगेट दिया गया है।
हर रोज बलात्कार और हत्या की खबरें, बेखौफ बदमाश, बेलगाम अपराध और लगातार कठघरे में अखिलेश सरकार। कुछ बदलाव न होता देख आखिरकार समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव को मंत्रियों की इमरजेंसी बैठक बुलानी पड़ी। दो दर्जन मंत्री तो लखनऊ से बाहर थे जो आनन-फानन ट्रेन और फ्लाइट के अलावा सड़क मार्ग से लखनऊ पहुंचे।
सूत्रों के मुताबिक करीब 17 मंत्रियों को मुलायम सिंह यादव ने इस्तीफे तक की घुड़की दी। सूत्रों के मुताबिक कुछ मंत्रियों से तो इस्तीफे लिखाकर रख भी लिए गए हैं लेकिन मुलायम सिंह का फैसला अभी बाकी है। पांच घंटे बाद बैठक ख़त्म हुई तो आजम खान को छोड़ किसी भी मंत्री ने कुछ नहीं बोला।
आजम खान ने कहा कि आज समीक्षा बैठक की गई जिसमें तय किया गया कि उपचुनावों में हर सीट सपा को जीतनी है। मंत्रियों को सरकार की छवि सुधारने के लिए उन्हें कुछ अलग ढंग से काम करने का टारगेट दिया गया है ताकि जीत हासिल हो सके।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बदले तेवरों के बीच कुछ मंत्रियों का कद छांटने, कुछ का बढ़ाने की भी खबर है, पर आजम ने इस मुद्दे पर मीडिया पर ही तंज कस दिया। आजम ने कहा कि अब ये तो मीडिया ने तय किया है कि कौन हटेगा, कौन इस्तीफा देगा, तो आप जिसको बताएं उसे हटा दें या बना दें।
इस बैठक की अहमियत का आंकलन इसी से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात की। शनिवार रात को मुलायम, अखिलेश, शिवपाल और आजम की अगुवाई में मुलायम के घर पर गहन चर्चा हुई और यकायक सभी मंत्रियों को तलब कर लिया गया।
11 सीटों पर उपचुनाव होने हैं और बीएसपी ने उपचुनाव न लड़ने का ऐलान किया है। इस बीच बदहाल हो चुकी कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने, आपसी गुटबाजी खत्म करने और उप चुनाव के जरिए माहौल बनाने की ताकीद के साथ बैठक खत्म हुई लेकिन इस्तीफों और पुनर्गठन पर फैसला आना अभी बाकी है।