फर्रुखाबाद: बेसिक शिक्षा की छवि सुधारने की जितनी कोशिश प्रदेश सरकार कर रही है उतनी ही बड़े पैमाने पर जनता के पैसो के साथ बंदर बाँट किया जाता जा रहा है |कभी ड्रेस के नाम पर कभी किताबो के नाम पर कभी मिडेमील के नाम परऔर भवन निर्माण के नाम पर लाखो रुपये का खेल होता है | ताजा मामला पूर्व माध्यमिक विधालय फतेहगढ़ का है | जिसमे हेडमास्टर की जानकारी की बिना ही विधालय के चार कमरे भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गये | हेडमास्टर को मालूम ही नही की उसके भवन किस कारण व किस योजना व किस व्यक्ति के माध्यम से तोड़े गये है | अतिरिक्त कक्षा कक्ष बनाने के नाम पर विभाग के भवन माफिया व अधिकारियो की चटुकारिता में लगे कर्मी मलाई काट रहे है |
शासन के नियमानुसार किसी भी विधालय के भवन को तोड़ने से पहले उसकी नीलामी होती है और जो रकम एकत्रित होती है उसे विधालय के खाते में जमा करा दिया जाता है | लेकिन प्राथमिक विधालय फतेहगढ़ में तोड़े गये चार कक्ष किस नियम के तहत तोड़े गये या किसके आदेश से तोड़े गये यह विधालय के हेडमास्टर इरफान अली तक को नही पता | वह तो यह भी नही बता पाये की इसे कौन तुड़वा रहा है |
नियमयह भी है जिस विधालय में अतिरिक्त कक्ष बनना है उसे उसी विधालय का हेडमास्टर ही निर्मित कराए लेकिन भवन माफियाओ व अधिकारियो कर दबाब में जादा तर हेडमास्टर भवन बनाने से इनकार कर देते है और भवन माफिया अपने मन मुताबिक निर्माण कराते है |एक भवन निर्माण कराने में लगभग दो लाख रुपये आबंटित होता है | वही कुल चार कक्षा कक्ष के निर्माण तकरीवन लाखो रूपये आबंटित किया गया |प्राथमिक विधालय फतेहगढ़ में तोड़े गये भवन की छत प् पड़ी टीन भी गायब करने की तैयारी चल रही है | लाखो रुपये का फर्नीचर अलमारी,लाखो की संख्या में ईट डकारने का प्रयास किया जा रहा है |साथ ही साथ इन्ही पुरानी ईटों को भी नया करने की पूरी तैयारी चल रही है | हैरान कर देने की बात यह है की पूरी तरह से हो रहे गैर क़ानूनी इस खेल में कोई विभागीय अधिकारी हस्तक्षेप करने को भी तैयार नही दिख रहा है |पुराने भवन को गिरा कर उसका कीमती समान पहले भी हजम किया जा चुका है गत वर्ष प्राथमिक विधालय नगला पितम के भवन का सामान भवन माफियाओ ने डकार लिया था |
नियम यह भी है की जिस विधालय का भवन बने उसे उसी विधालय का हेडमास्टर ही बनायेगा | लेकिन भवन माफियाओ व अधिकारियो के कोप के कारण जादातर हेडमास्टर लिख कर दे देते है की उन्हें भवन निर्माण नही करना | जिसके चलते एक एक भवन माफिया 50-50 भवन निर्माण कराकर अपनी जेबे भरता है |
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी नरेन्द्र शर्मा ने बताया की उन्हें ही इस प्रकरण की जानकारी नही है | इस सम्बन्ध में जाँच पड़ताल करायी जाएगी और नगर शिक्षा अधिकारी अनिल शर्मा से भी जानकारी की जाएगी |