फर्रुखाबाद : फतेहगढ़ स्थित एआरटीओ कार्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार और घुंस खोरी की जानकारी किस को नहीं| हस्ताक्षर से लेकर लाइसेंस बनबाने तक के अलग अलग रकम निर्धारित है| एक तो साहब मौके पर मौजूद नहीं होते वहीँ उनसे मिलने के लिए आने वाले लोगों को मजबूरन दलालों का सहारा लेना पड़ता है और वह अपनी जेब कटा बैठते हैं|
जिलाधिकारी एन.के.एस चौहान को की गयी शिकायत में कहा गया है कि ड्राइविंग लाइसेंस की फीस से कई गुना ज्यादा पैसा वसूली की जाति है एआरटीओ खुद आदेश करने के तीन सौ रूपये लेते है| नए लाइसेंस की फीस दो रूपये है और उसके स्थान पर दस रुपये का फार्म मिलता है|
विभाग नियत समय पर नहीं खुलता बल्कि दोपहर में कार्यालय खोला जाता है| शिकायत कर्ता ने ये भी कहा है कि कार्यालय में एल दो ही सरकारी लिपिक है बाकि बाहरी दलालों के सहारे चल रहा है| लर्निंग एसेंस की फीस 60 रुपये की जगह 80 रुपये ली जा रही है| इस दौरान शिकायत करने वालों में एडवोकेट धर्मराज सिंह, शिवाशीष तिवारी, उमेश शिंह आदि लोग मौजूद रहे|
इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी एन.के.एस चौहान ने बताया कि शिकायत के सम्बन्ध में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अंकित अग्रवाल को जाँच सौपी गयी है दलालों पर शिकंजा कसा जाएगा|