फर्रुखाबाद : काफी मसक्कत के बाद भी पुलिस के आला अधिकारियो के दावे खोखले साबित हुए | शहर के अन्दर बड़े वाहन बड़े पैमाने में घुसपैठ कर रहे है | केवल दस से बीस रुपये में इन्हे जाम लगाने का लाईसेंस खुद पुलिस उपलव्ध कराती है | जिससे जनता को धुप में जूझना पड़ता है | शहर में जगह जगह टैक्सी बीच में खड़ी कर के सवारियों को भरते है और जाम को दावत देते है |
एसपी से लेकर डीएम तक कई बार पुलिस को सचेत कर चुके है की नौ बजे के बाद कोई भी बड़ा वाहन शहर के भीड़ बाले इलाके में नही घुसेगा | कुछ दिन तो मरियादा का पालन चलता है | बाद में सब लीपापोती कर दी जाती है | शहर के लाल दरवाजे व तिकोना चौकी,आई टी आई चौकी,घूमना चौकी के रहमोकरम पर टैक्सी व बड़े वाहन शहर में घुसते है |
सुबह तो खुले आम बसूली का खेल चलता है | जब सब्जी दुकानदार टैक्सी से चार पैसे कमाने के लिए सब्जी लेकर जाते है तो पुलिस का डंडा उन पर बजता है केबल बसूली के लिए | सुबह के बाद जब बाजार खुलता है तो आदेश के अनुसार शहर के अन्दर भारी वाहन व टैक्सी बंद हो जाता है | लेकिन सिर्फ अधिकारियों की नजर में लेकिन पिकट डयूटी पर तैनात पुलिस कर्मी टैक्सी के चालको से दस से लेकर बीस रूपए बसूली कर के उन्हें शहर के अन्दर घुसा देते है |
कभी कभी तो ट्रक अदि बड़े वाहन भी मोटी रकम लेकर शहर में घुसा दिये जाते है | और पल भर में ही जाम की स्थिति पैदा हो जाती है |मंगलवार को भी शहर के अन्दर लाल दरवाजे से लेकर घूमना तक जाम लगा | कई टैक्सी जाम लगाने का कारण थी | बच्चे स्कूल से घर जाने को क़ाफ़ी समय तक जाम में फसे रहे |वही धुप तेज होने से कई लोगो की तवियत बिगड़ी तो स्थानीय दुकानदारो ने उन्हें पानी आदि पिला कर बैठाया |