सरकारी स्कूलों में मुफ्त बटने वाली किताबो पर पहरे का नाटक

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SSA-UPफर्रुखाबाद: सर्व शिक्षा अभियान के तहत परिषदीय स्कूलों में मुफ्त बंटने वाली किताबों को इस बार अलग पहचान दी जाएगी ताकि पब्लिशर उन किताबों को धोखाधड़ी कर बाजार में न बेच सकें। इसलिए मुफ्त बंटने वाली किताब को इस बार एफ का निशान दिया जाएगा वहीं बिक्री वाली किताबों पर एस का। साथ ही किताब की छपाई का वर्ष भी छपा रहेगा।

सर्व शिक्षा अभियान के तहत परिषदीय स्कूलों में हर साल कक्षा एक से आठ तक बच्चों पाठ्य पुस्तकें मुफ्त उपलब्ध कराई जाती हैं। विभाग हर साल इन किताबों को ठेके पर छपाई कराता है। पुस्तकें प्रकाशित करने वाला प्रकाशक बाजार में बिकने वाली किताबों को भी प्रकाशित करता है। दोनों प्रकार की किताबों में कोई खास अंतर नहीं होता। इसका फायदा उठाकर प्रकाशक विभाग के कुछ लोगों से मिलकर मुफ्त किताबों को ही बाजार में बेच डालता है। इसको देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने नई व्यवस्था को लागू किया है, ताकि इस गोरखधंधे को रोका जा सके।

कैसे होगी पहचान

सरकारी स्कूलों में वितरित होने वाली किताबों पर एफ और बाजार में बिकने वाली किताबों पर एस का निशान रहेगा। किताबों में प्रकाशन वर्ष के साथ 16 अंक का विशेष कोड रहेगा। इसमें दो अंक मुद्रक प्रकाशन वाले जिले के परिवहन कोड का होगा। बाद के दो अंक विभाग का मुद्रक प्रकाशक को आवंटित कोड और अगले सात अंकों में आवरण पृष्ठ का क्रमांक रहेगा। मुफ्त किताबों के आवरण पृष्ठ पर बायीं ओर सर्व शिक्षा अभियान का लोगो होगा। जबकि बाजार में बेची जाने वाली किताबों पर उप्र बेसिक शिक्षा परिषद लिखा होगा। प्रत्येक किताब के आवरण व चौथे पृष्ठ पर और उसके अंदर पहले पन्ने पर नीले बाक्स में लाल इंक से 20 प्वाइंट में निश्शुल्क वितरण हेतु लिखा होगा। कक्षा 6ए 7 व 8 की गणित की किताब के अंदर के पन्ने पर काले बाक्स में लाल,हरा और नीले रंग में निशुल्क वितरण हेतु लिखा होगा। इन पाठ्य पुस्तकों के आवरण पृष्ठ दो रंग में व शेष पृष्ठ चार रंग में मुद्रित होंगे।

पांच वर्गो में बांटी जाएंगी किताबें

कक्षा 1 से 8 तक की सभी किताबें पाच वर्गो कए खए गए घ व ड में बांटी जाएंगी। वर्ग क में कक्षा 1 से 3 तकए वर्ग ख में कक्षा 4 व 5ए वर्ग ग में कक्षा 6 वर्गए घ में कक्षा 7 और वर्ग ड में कक्षा 8 की किताबें हिंदी और उर्दू माध्यम में होंगी। पर्यावरण और स्काउट गाइड शिक्षा कक्षा 6 से 8 के लिए होंगी। कक्षा 6 7 व 8 में संस्कृत, उर्दू, पंजाबी तीनों भाषाएं पढ़ाई जाती हैं। जहा उर्दू के छात्र होंगे वहा पंजाबी व संस्कृत भाषा की किताबें नहीं भेजी जाएंगी। इसी तरह बुनियादी शिल्प व संबंधित कला के अंतर्गत कृषि विज्ञान या गृह विज्ञान की किताबों को लेने से पहले छात्र.छात्राओं की संख्या का पता कर लिया जाएगा।

नाटक है पहरा-

किताबो पर कोई निशान लगा दिया जाए कुछ नहीं हो सकता क्योंकि ये निशान केवल कवर पेज पर ही लगाये जाते है| वर्ष भी कवर पेज पर ही छापा जाता है| जबकि हर साल कवर पेज नए छाप कर अरबो रुपये का काला कारोबार कर लिया जाता है|

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