फर्रुखाबाद: नए राशन कार्ड मुहैया कराने में फेल शासन ने एक बार फिर पुराने राशन कार्डो की वैधता अवधि बढ़ा दी है। उपभोक्ताओं को अब 30 जून तक पुराने कार्ड दिखाकर ही राशन लेना पड़ेगा। जिससे उपभोक्ताओं के साथ ही राशन डीलरों की मुश्किलें भी बढ़ेंगी।
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राशन कार्ड धारकों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। नौ साल पहले बने उनके कार्ड जीर्णशीर्ण अवस्था में पहुंच गए हैं। उन पर प्रतिमाह मिलने वाले राशन का ब्योरा चढ़ाने की भी जगह नहीं बची है। लोग फटे पुराने राशन कार्ड के पिछले हिस्से में कागज जोड़कर काम चला रहे हैं। इस कवायद से उन्हें जैसे तैसे राशन तो मिल जाता है लेकिन फटे राशन कार्ड उनकी पहचान साबित करने में फेल साबित हो रहे हैं। इससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। गौरतलब है कि लोगों के पास इस समय जो राशन कार्ड हैं वे 2005 में पांच साल के लिए जारी किए गए थे। कार्ड में दिसंबर 2010 तक ही राशन चढ़ाने की व्यवस्था है, लेकिन प्रदेश सरकार तब से अब तक नए राशन कार्ड मुहैया नहीं करा पाई है। कभी 6 तो कभी 3 महीने वैधता अवधि बढ़ाने का जो सिलसिला बसपा शासन काल में शुरू हुआ था वह सपा शासन तक जारी है। एक बार फिर से तीन महीने की अवधि बढ़ा दी है। प्रमुख सचिव दीपक त्रिवेदी ने शनिवार को ही ये आदेश दिए हैं कि पुराने राशन कार्ड पर ही उपभोक्ताओं को 30 जून तक राशन दिया जाए। नए कार्डो में देरी डिजिटाइजेशन के कारण हो रही है। केंद्र और प्रदेश सरकार उपभोक्ताओं को डिजिटल राशन कार्ड मुहैया कराने का प्रयास कर रही है। इसमें कई तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। प्रमुख सचिव ने भी ये माना है कि नए कार्डो की ऑनलाइन प्रिंटिंग में देरी हो रही है। इस देरी में लोकसभा चुनाव ने और इजाफा कर दिया है।