फर्रुखाबाद: बीती रात शुक्रवार को भगुआ नगला में एक नवविवाहिता फांसी पर लटक गयी| इस मामले में लड़की के घर वालो ने पति ससुर और दो सासों के खिलाफ दहेज़ उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया है| पति को तो पुलिस ने लाश फासी से उतारने से पहले ही हिरासत में लेकर हवालात में डाल दिया है| मगर सवाल सबसे बड़ा ये है कि दहेज़ उत्पीड़न के मुकदमे की जाँच पड़ताल से पहले किसी को सलाखो के पीछे भेज देना कितना जायज है? सवाल उस कानून पर भी है जिसमे पतियो का उत्पीड़न हो रहा है|
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कमालगंज के भीखा नगला निवासी हासिम का प्रेम प्रसंग मृतका रिहाना के साथ शादी से 6/7 महीने पहले से चला| घरवालो के मन करने के बाबजूद दोनों का निकाह कराया गया| 6 महीने पहले ही रिहाना का निकाह हुआ था| हवालात में बंद रिहाना के पति हासिम ने बताया कि शादी के बाद रिहाना गाव में नहीं रहना चाहती थी लिहाजा उसने भगुआ नगला में कमरा किराये पर लिया और टैक्सी चलाने लगा| हासिम की तो माँ है और 7 छोटे भाई बहन|
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अब मोहब्बत में गिरेबान रिहाना को पकड़ाया तो बात तो माननी ही थी| धीरे धीरे उसके पास का सारा पैसा ख़त्म हो गया| वो किराये की टैक्सी चलाकर जो लाता तो घर में दे देता| रिहाना की जरूरते बढ़ने लगी| इसी बीच रिहाना के अन्य प्रेम प्रसंग का पता उसे चला| रिहाना के पिता जहाँ उसकी शादी करना चाहते थे उस कमालगंज निवासी सद्दाम से उसकी नजदीकिया बढ़ गयी| एक दिन सद्दाम का फोन आया तो उसने पकड़ लिया| मगर कोई खास तबज्जो नहीं दी| रिहाना का मन अब हासिम के साथ नहीं लग रहा था| वो तो शायद जाना चाहती थी मगर दुनिया से चली जायेगी ये एहसास उसे नहीं था|
हासिम ने बताया कि जिस दिन रिहाना फांसी पर लटकी उस दिन उसने छोटी माँ को 500 रुपये घर खर्च के लिए दिए थे| रिहाना ने देख लिया और उसने भी रुपये मागे मगर माँ घर का सामान ला चुकी थी उसने पैसे नहीं होने की बात कही थी| बस इतनी सी बात के बाद रिहाना लटक गयी| हासिम हवालात में बैठा उस दिन को कोस रहा है जब वो उसके प्रेम में पागल शादी के लिए घर वालो से लड़ गया था| वो कहता है कि उसके अब्बू और दोनों माँ भी जेल चली जायेगी मगर उसके ६चोते भाई बहनो का का क्या होगा जो उसकी कमाई पर ही पल रहे थे?