फर्रुखाबाद: जिलाधिकारी के विकास भवन में बैठक से पहले खबरो में छपे अखिलेश यादव का होल्डिंग हटा ही पाया था कि डीएम दफ्तर के चारो तरफ एमएलसी प्रत्याशी हरिनाथ सिंह ने अपने पोस्टर चिपका दिए| डीएम विकास भवन में वोट डलवाने के लिए मास्टर ट्रेनर तैयार करवा रहे थे और तब तक पोस्टर चिपक गए उनके दफ्तर के आसपास| बस ये तो कुछ यू हुआ कि- “तुम छुटाते रहो, हम चिपकाते रहे” “मजा आचार संहिता तोड़ने में ऐसे ही आता है”| बिना अनुमति के लगाये गए पोस्टरो पर जब तक नोटिस के साथ जबाब तलब नहीं होगा नेता ऐसे ही नगर को गन्दा करते रहेंगे और प्रशासन का अमला पोस्टर छुटाने में ऊर्जा नष्ट करता रहेगा|
हरिनाथ सिंह यादव ने कई साल समाजवादी पार्टी में गुजारे है| उन्हें लट्ठ वाली राजनीति का ककहरा मुलायम सिंह ने ही सिखाया है| कानून और नियम दबंगई से कैसे तोड़े जाते है इस बात का उन्हें खूब तजुर्बा है| वे बिना अनुमति के डीएम और उनके आसपास के दफ्तरों के बाहर सरकारी दीवारो पर पोस्टर चिपका कर ऐसे चले गए जैसे कि राजतन्त्र का शासन हो| ये दीगर बात है कि अब वे बागी है और सपा से टिकट न मिलने पर सपा के प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय ताल ठोक कर मैदान में है| ये लोकतंत्र है उनका अधिकार है|
उधर खबर लगी है कि लोको रोड पर एक प्रत्याशी के पक्ष में लगे भारी भरकम होल्डिंग्स और खम्बो के पोस्टर छुटाने की हिम्मत अभी प्रशासन की नहीं हुई है| या फिर खबरो में सुर्खियां बने बिना ये नहीं छुटाए जा सकते| जो भी हो चुनाव चुनाव का खेल है| प्रशासन से लेकर जनता के बीच मदारी का खेल देखने में जनता को मजा आने लगा है|