लखनऊ: सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को अदालत ने 4 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है. कोर्ट ने कहा कि कस्टडी के दौरान सुब्रत रॉय को कहां रखा जाए, यह पुलिस तय करेगी. इसके बाद पुलिस ने उन्हें कुकरैला फॉरेस्ट गेस्ट हाउस भेज दिया.
लखनऊ के उत्तर में कुकरैल स्थित वन विभाग का गेस्टहाउस शुक्रवार रात सुब्रत रॉय के पहुंचते ही मिनी सहारा शहर बन गया. लखनऊ पुलिस ने सुब्रत रॉय सहारा को कोर्ट में पेश करने के बाद इसी गेस्ट हाउस में रखा है. रॉय को गेस्टहाउस के ऊपर बने वीवीआईपी कक्ष में रखा गया है. देर रात पुलिस गायब हो गई और गेस्टहाउस पूरी तरह से सहारा समूह के कब्जे में आ गया. मेन गेट से सिर्फ सहारा समूह की लग्जरी कारों को ही आने की इजाजत दी जा रही थी.
उधर, तीन दिन के लिए कुकरैल पिकनिक स्पॉट बंद होने की बात सामने आ रही है. गेस्टहाउस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि शाम करीब सात बजे अचानक पुलिस अफसरों ने कमरे की साफ-सफाई के निर्देश दिए. संबंधित थाना की एक टीम भी गेस्टहाउस पहुंच गई. रात करीब साढ़े आठ बजे यहां सुब्रत रॉय को लाया गया. रॉय के आने से पहले गेस्टहाउस के स्टाफ को इस बारे में जानकारी तक नहीं थी.
केयरटेकर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि सुब्रत रॉय को ऊपर बना वीवीआईपी सुईट दिया गया है. किचन न होने के चलते सुब्रत रॉय का खाना बाहर से ही आया. गेस्टहाउस में सिर्फ सहारा प्रमुख के परिवार के सदस्यों और सहारा समूह के लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा था. देर रात तक जगुआर, ऑडी, मर्सिडीज और बीएमडब्ल्यू जैसी लग्जरी कारें गेस्टहाउस आती-जाती रहीं.
इससे पहले, लखनऊ पुलिस ने सुब्रत रॉय को CJM कोर्ट में पेश किया. सुब्रत ने कोर्ट से मांग की कि कस्टडी के दौरान उन्हें उनके घर में ही रखा जाए. पुलिस ने कोर्ट से उनकी चार दिनों की रिमांड मांगी. एक अहम घटनाक्रम में सुब्रत रॉय को आज लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया गया. वे सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी गैर जमानती वॉरंट के बाद दो दिन से गिरफ्तारी से बच रहे थे. कोर्ट ने निवेशकों के 20,000 करोड़ रुपये वापस नहीं करने के मामले में सुनवाई के दौरान हारिज नहीं होने पर उनके खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किया था.
सुब्रत की गिरफ्तारी नाटकीय रही. उन्होंने सुबह सहारा शहर में पुलिस को बुलाकर आत्मसमर्पण किया. लखनऊ के ट्रांस गोमती क्षेत्र के पुलिस अधीक्षक हबीबुल हसन ने कहा रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस बीच वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि राय लखनऊ में पुलिस की हिरासत में हैं. साथ ही उन्होंने 26 फरवरी को पीठ द्वारा जारी गैर जमानती वारंट वापस लिए जाने की फरियाद की.
जेठमलानी ने पीठ से अपील की कि इस मामले में याचिका की सुनवाई कर रही विशेष पीठ इस अर्जी पर आज ही विचार करे. लेकिन उनका आग्रह नामंजूर कर दिया गया. न्यायाधीश ने कहा कि विशेष पीठ के लिए आज बैठना संभव नहीं है. इस प्रकरण में आज दिन की शुरुआत सुब्रत द्वारा अपने हस्ताक्षर के साथ जारी दो पृष्ट के बयान से हुई. इसमें उन्होंने दावा किया कि वह फरार नहीं हैं और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का बिना शर्त पालन करने के लिए तैयार हैं. लखनउ में रॉय की गिरफ्तारी के कुछ ही क्षण बाद उनके बेटे सीमांतो ने दिल्ली में हड़बड़ी में एक संवाददाता सम्मेलन बुलाया और कहा कि उनके पिता अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं और उन्होंने स्वेच्छा से पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है.
तीन मार्च तक नजरबंद कर दो
रॉय ने कहा कि वह कल डॉक्टरों और एक वकील से मिलने सहारा शहर से बाहर गए थे. पुलिस कल उन्हें गिरफ्तार करने उनके घर गई थी लेकिन वह वहां नहीं मिले. रॉय ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी अपील की कि उन्हें तीन मार्च 2014 तक घर में नजरबंद कर अपनी 92 साल की बीमार मां के साथ रहने की अनुमति दी जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि यदि अदालत चाहती है कि वह आज ही दिल्ली पहुंचें तो वह इसके लिए भी तैयार हैं.
इसलिए हुए लेट…
उच्चतम न्यायालय ने 26 फरवरी को राय के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी करते हुए पुलिस से कहा था कि वह उन्हें गिरफ्तार करे और चार मार्च को अदालत के सामने पेश करे. रॉय की ओर से कल भी उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटकाया गया था. उनकी ओर से कल न्यायालय में स्वीकार किया गया कि उन्होंने न्यायालय में उपस्थित नहीं होकर गलती की. पर साथ ही यह भी कहा कि उन्होंने ऐसा इस पर किया कि न्यायालय व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए एक दिन की मोहलत तो दे ही देगा.
नाटक से मुझे नफरत है
उन्होंने आज के बयान में कहा कि मुझे बहुत से लोगों ने सलाह दी कि किसी अस्पताल में दाखिल हो जाऊं और वहां रहूं जैसा कि आम तौर पर स्वास्थ्य कारणों से अदालत से बचने के लिए किया जाता है. हालांकि मुझे ऐसे नाटक से नफरत है. रॉय ने अपनी व्यथा और अपमान के लिए कुछ नकारात्मक सोच और भावनात्मक संकीर्णता से ग्रसित पत्रकारों को दोषी बताया. उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ पत्रकारों को कुछ समय पहले सहारा से निकाला गया है. उन्होंने कहा कि वे ऐसे पुत्र को परेशान कर रहे हैं जो अपनी बीमार मां के प्रति अपना भावनात्मक कर्तव्य निभाने की कोशिश कर रहा है. भगवान न करे, यदि मेरी मां को, मेरी अनुपस्थिति में कुछ हो जाता है तो मैं उन लोगों को जीवन भर माफ नहीं करूंगा.
लुढ़क गए शेयर
अदालत ने 20 फरवरी की सुनवाई में निवेशकों बीस हजार करोड़ रुपये वापस नहीं करने के लिए सहारा समूह की कड़ी खिंचाई की थी और सुब्रत के साथ साथ रविशंकर दुबे, अशोक राय चौधरी और वंदना भार्गव, सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कार्प लिमिटेड (साइरेक) और सहारा इंडिया हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कार्प लिमिटेड (एसएचआईसी) के निदेशकों को अगली तारीख पर न्यायालय के समक्ष व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने का समन जारी किया था. इस घटनाक्रम से समूह की शेयर बाजार में सूचीबद्ध दोनों कंपनियों सहारा वन मीडिया और सहारा हाउसिंगफिना कार्प के शेयर लुढ़क गए|