ये उत्तर प्रदेश है- मौखिक आदेश पर ही पूरे प्रदेश के ढाई लाख परिषदीय विद्यालय बंद हो गए

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corruptionफर्रुखाबाद: जिला स्तर से लेकर सचिव स्तर तक कोई लिखित आदेश नहीं| केवल फोन पर एक दूसरे से पूरे प्रदेश के शिक्षक नेताओ और परिषदीय अफसरो ने 11 वी शरीफ की छुट्टी की पुष्ठी कर लगभग ढाई लाख परिषदीय स्कूल बंद रखे| अखबारों में कोई लिखित शासनादेश नहीं भेजा गया| सचिव महोदय ने अखबारों को मौखिक छुट्टी करने की सूचना दी जिसे कई अखबारों ने लखनऊ से लेकर मेरठ तक छापा| जिलो में बेसिक शिक्षा अधिकारियो ने भी मौखिक सूचना अखबारो को दी|
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मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और प्रशासनिक सुधार विभाग की सख्ती के बाद भी छुट्टी से संबंधित कोई भी शासनादेश वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया था| जबकि पूरे प्रदेश के सभी विभागो के शासनादेशो को एक ही वेबसाइट पर जारी करने का आदेश एक साल पहले से लागू है| उस पर भी कोई आदेश नहीं डाला गया था| देर रात तक शिक्षक एक दूसरे से पूछ रहे थे| देर रात तक फेसबुक पर छुट्टी होने या न होने की पूछाताछी जारी थी| पूरे प्रदेश के विद्यालय बंद रखने के आदेश आमतौर पर जिलाधिकारी कार्यालयो में फैक्स/ई मेल आदि से भेजे जाते है | मगर देर रात तक ऐसे आदेशो की पुष्टि नहीं हो सकी| मगर शिक्षको को तो बच्चो को स्कूल न जाने का बहाना चाहिए| लिहाजा परिषद् के सरकारी स्कूल पूरे प्रदेश में बंद रहे| अलबत्ता सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों पर ये बंदी नहीं थी| ये है उत्तर प्रदेश का शासन| अफसर नेताओ की मंशा भाप कर काम कर रहे है| चुनाव में सत्तादल के लिए वोटो की खातिर किस कदर प्रशासनिक अमला नतमस्तक है इसका अंदाजा बच्चो की शिक्षा से जुड़े इस संवेदनहीन मामले से समझा जा सकता है| समझ लेना चाहिए कि वाकई में ये गुजरात नहीं उत्तर प्रदेश है|

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