यूपी प्रांतीय पुलिस सेवा के 18 अधिकारी अधिवर्षता की वजह से आईपीएस नहीं बन सके। राज्य सरकार द्वारा पीपीएस से आईपीएस में प्रोन्नति के प्रस्ताव को देरी से भेजने के मुद्दे पर अधिकारियों ने सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। पीपीएस अधिकारियों ने दिल्ली व उत्तर प्रदेश कैट में मुकदमा दायर कर दिया है।
पीपीएस अधिकारियों का मानना है कि व्यवस्था सही न होने की दशा में हर वर्ष आईपीएस बनने से वंचित रहने वालों की संख्या बढ़ती जाएगी। इस साल चार पीपीएस अधिकारी आईपीएस बनने से वंचित रह गए। इनमें अरुण कुमार पांडेय, विजय गौतम, जगदीश शर्मा व अशोक प्रसाद के नाम शामिल हैं।
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पिछले साल भी कुल 18 पीपीएस अधिकारी ऐसे हैं, जो आईपीएस नहीं बन सके। पीपीएस अधिकारियों के मुताबिक आईपीएस की रिक्तियों के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव भेजने में किया जाने वाला अनावश्यक विलंब ही इसकी मुख्य वजह है।
सरकार के इस रवैये के खिलाफ अब तक दो अधिकारियों ने मुकदमा दयार किया है। इनमें से एक अधिकारी श्री कृष्णा दिल्ली में कैट की प्रिंसिपल बेंच में वाद दायर किया है तो एक अन्य अवधेश कुमार ने इलाहाबाद में मुकदमा दाखिल किया है। पीपीएस एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि सरकार को पीपीएस अधिकारियों की समस्या से समय-समय पर अवगत न कराया गया हो। डीजीपी से लेकर प्रमुख सचिव गृह व मुख्य सचिव से लेकर मुख्यमंत्री तक के सामने सभी तथ्यों को ब्यौरेवार रखा जा चुका है।[bannergarden id=”11″] [bannergarden id=”17″]