नई दिल्ली: अन्ना हजारे अपनी खराब सेहत की वजह से भले ही चुनाव सभाओं में नहीं जा पा रहे हों, लेकिन गणतंत्र दिवस के मौके पर वे राजधानी दिल्ली के कार्यक्रम में पहुंचने वाले हैं। टीम अन्ना इस कार्यक्रम का ज्यादा प्रचार नहीं कर रही। इसकी दो वजह हैं, एक तो उनकी सेहत को लेकर कायम अनिश्चितता और दूसरे, अति प्रचार के नुकसान से बचने की नई रणनीति।
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पिछले माह मुंबई के कार्यक्रम के बाद से सार्वजनिक मंच से दूर अन्ना गुरुवार को फिर से सार्वजनिक समारोह में दिखेंगे। दिल्ली में संसद भवन के करीब स्थित मावलंकर सभागार में दोपहर दो बजे से अन्ना की विचार सभा होनी है। जिसके लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों को न्योता भेजा जा रहा है।
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अन्ना के करीबी सहयोगी ने इस बारे में बताया कि उनका आना तय है। बशर्ते अंतिम समय में उनकी सेहत कमजोर न पड़ जाए। वे कहते हैं पिछले कार्यक्रम के बाद से ही अन्ना की स्थिति जिस तरह कमजोर बनी हुई है, उसी को देखते हुए इस कार्यक्रम में उनकी मौजूदगी का ज्यादा प्रचार नहीं किया जा रहा। साथ ही वे मानते हैं कि अन्ना को अति प्रचार से बचाना उनकी रणनीति का हिस्सा भी है।
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गणतंत्र दिवस के मौके पर हो रहे इस कार्यक्रम को एक गंभीर मुद्दे पर विचार सभा के रूप में पेश किया जा रहा है। इस दौरान लोकतंत्र के मौजूदा स्वरूप और इसमें जनता की भागीदारी को लेकर विचार किया जाना है। अन्ना भी यहां इसी विषय पर बोलेंगे।
लोकपाल और भूमि अधिग्रहण कानून जैसे मामलों का हवाला देकर वे कहेंगे कि सरकार जानबूझ कर जनता की इच्छा के खिलाफ काम कर रही है। इसके अलावा टीम अन्ना इस मौके का इस्तेमाल दूसरे बुद्धिजीवियों को अपने साथ जोड़ने के लिए भी करना चाहती है।