नए कलेवर में दिखने वाली है बसपा

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BSPफर्रुखाबाद:आप का उभार और राजनीति में बदलते मुद्दो और नारो से बहुजन समाज पार्टी भी अपने कलेवर बदलने जा रही है| पुराने हाथी पर नया पैंट करने की तैयारी चल रही है| मायावती अपनी जाति के लोगो का कुनवा छोटा कर रही है|

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लोकसभा चुनाव के लिए मायावती की चुनावी रैली से आक्त्रामक हुई बहुजन समाज पार्टी अब कैडर के तिलिस्म से बाहर आकर अन्य राजनीतिक दलों का मुकाबला करने की तैयारी में जुटी हुई है। पार्टी के लिए चुनावी जरूरतें अहम हैं और इसीलिए जिला प्रभारियों की नियुक्ति में सर्वसमाज के लिए भी दरवाजे खोल दिए गए हैं। नई चुनाव योजना में फैक्टर आगे होगा और कैडर पीछे से उसे परिणाम में तब्दील करने की कोशिश में जुटेगा।
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सर्वसमाज के फैक्टर ने ही बसपा को 2007 में बहुमत की सत्ता दिलाई थी लेकिन 2011 के चुनाव में यह छितराया नजर आया। इससे सबक लेते हुए ही संगठन की नई व्यवस्था में बदलाव किए गए हैं। पार्टी भी मानने लगी है कि ऊपरी पदों पर अधिक लोगों की नियुक्ति से भ्रम फैलता है। इसीलिए जोनल स्तर पर कोआर्डिनेटरों की संख्या 8 से घटाकर तीन की गई है। ये मानीटरिंग के स्तर पर कार्य करेंगे। हर जिले में सात प्रभारियों की टीम एक्शन पर ध्यान देगी। मायावती ने संगठन में फेरबदल के जरिए भी ब्राह्मंण और मुस्लिम कार्ड खेलने की पूरी तैयारी की है। पार्टी में जिला उपाध्यक्ष पद समाप्त कर दिए गए हैं लेकिन जिन जिलों में ब्राह्मंण या मुसलमान इन पदों पर हैं वे बरकरार रहेंगे। बूथ स्तर पर बनी समितियों में भी इस बार दलित को अध्यक्ष जरूर बनाया गया है लेकिन सदस्यों में अन्य वर्ग के लोग भी शामिल हैं। इन्हें आगे के चुनावी कार्यक्त्रमों में भी तरजीह दी जानी है। बसपा की ओर से संगठन में सर्वसमाज की प्रधानता सपा के अति पिछड़ा कार्ड का जवाब भी मानी जा रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर कहते हैं कि बसपा प्रमुख मायावती हमेशा सभी वर्ग के लोगों को प्रधानता देती आई हैं। उनके अनुसार पहली फरवरी से संगठन की गतिविधिया और तेजी पकड़ेंगी और मंडल स्तर, विधानसभा के स्तर पर समीक्षा बैठकों का सिलसिला तेज हो जाएगा। इसी कड़ी में कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन भी हो सकते हैं। बसपा प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर कहते हैं कि प्रदेश में सभी वर्ग और समाज के लोग बहुजन समाज पार्टी से जुड़ रहे हैं। पार्टी ने हमेशा सभी के हित में काम किया है।
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इस योजना पर बढ़ेगा हाथी

1-आधार वोट बैंक के साथ चुनाव में निर्णायक जातियों का गठजोड़

2-सवर्ण जातियों की अहं तुष्टि के लिए उन्हें अहम स्थान

3-संसदीय चुनाव के लिए टिकट बंटवारे में संतुलन को महत्ता

4-वोटों का बिखराव रोकने को बूथ स्तर पर सोशल इंजीनियरिंग