अतीत के झरोके से- गंगा तट पर सैंयाँ जी सब कुछ मांगे, गमछा बिछाए के..

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फर्रुखाबाद: कभी कभी अतीत में झाकना बहुत जरुरी होता है| भविष्य सुधारने के लिए भूतकाल में जाना भी जरुरी होता है| धार्मिक सांस्क्रतिक मेला में मनोरंजन कर के रूप में मेला समिति को इस वर्ष रिकॉर्ड तोड़ आदमनी होने वाली है| लगभग 50 लाख| 28 लाख का तो मनोरंजन का थी पैसा आ जायेगा| अब जो ठेकेदार इतना महगा ठेका लेगा तो तमंचे पर डिस्को नहीं कराएगा तो क्या ख़ाक कमाएगा| और यहीं पर संतो और मेला समिति के सदस्यों में टकराव की स्थिति आ जाती है| मेला शनै शनै परवान चडेगा कानफोडू संगीत के साथ ठुमके का दौर शुरू हो जायेगा|

पेश है 2010 के रामनगरिया मेले के कुछ अंश| अतीत के झरोके से पुरानी खबर-

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फर्रुखाबाद: “सैयां जी सब कुछ मांगे रे गमछा बिछाए के” गाने पर जोरदार ठुमके लगते ही कडाके की सर्दी में भी गरमा गया रामनगरिया मेला के सांस्कृतिक पंडाल का माहोल।
फर्रुखाबाद के गंगा तट पर आयोजित धार्मिक मेला के सांस्कृतिक पंडाल में कल रात कासगंज की डांस पार्टी की डांस बालाओ ने कई आइटम सॉंग पेश किये। ज्यों ज्यूँ रात गहराती गयी माहोल में गर्मी छा रही थी, मगर लोकसंगीत सुनने आई महिलाओं की आँखे शर्म से जरूर झुकी नज़र आई।
दो दिन पहले ही मेला के जादू कार्यक्रम में अश्लील डांस के विरोध में साधू संतो के विरोध सुर गूंजने के बाद अपर पुलिस अधीक्षक ने डांस बंद कराया था।
इस धार्मिक मेला का सांस्कृतिक पंडाल जिला प्रशासन की ही देख रेख में चलता है और इसका बाकायदा कार्यक्रम आमंत्रण पत्र में छपता है जिस पर जिलाधिकारी से लेकर पुलिस अधीक्षक और कई अधिकारियो के परिचय का इस्तेमाल होता है.
उधर देर रात हुए इस अश्लील नर्त्य कार्यक्रम को लेकर साधू संतो का गुस्सा सातवे असमान पर है। इस मामले में अधिकारियो का पक्ष लेने की कई बार कोशिश की गयी मगर उनके सी यू जी मोबाइल न. बंद मिले।