मंत्री और दर्जा प्राप्त मंत्रियो की ड्यूटी अन्य जिलो में लगाने की लोकसभा प्रत्याशी की मांग

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mulayam_singh_pm.desireलखनऊ: सपा के लोकसभा प्रत्याशियों ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सामने शिकायतों का अंबार लगा दिया। किसी ने अफसरों पर समस्याएं न सुनने का आरोप लगाया तो किसी ने संगठन और मंत्रियों से अपेक्षित सहयोग न मिलने की बात कही। नेतृत्व ने सभी प्रत्याशियों से लिखित में शिकायतें ले लीं।

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पार्टी नेताओं ने उनसे अकेले में बातचीत कर चुनावी तैयारियों का जायजा भी लिया। सपा मुख्यालय में सभी लोकसभा प्रत्याशियों की बैठक बुलाई गई थी। उम्मीद थी कि मुलायम सिंह उनकी सामूहिक बैठक कर क्लास लेंगे व चुनाव को लेकर टिप्स देंगे। उम्मीदवार भी यही सोचकर आए थे लेकिन पार्टी ने रणनीति बदलकर उनसे अकेले में चुनावी तैयारियों की समीक्षा की।

प्रत्याशियों के सपा मुख्यालय पहुंचते ही उन्हें एक प्रोफार्मा दे दिया गया। इसमें जिलाध्यक्ष समेत पार्टी संगठन, अफसरों, विधायकों और मंत्रियों से तालमेल व सहयोग आदि को लेकर फीड बैक मांगा गया। यह भी पूछा गया कि लोकसभा क्षेत्र में क्या होना चाहिए। इसके बाद पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह और अन्य नेताओं ने सभी प्रत्याशियों को एक-एक कर बुलाया और जमीनी हालात मालूम किए।

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उनके साथ सीएम अखिलेश यादव, पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव और लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव मौजूद थे। प्रत्याशियों ने आमतौर पर कार्यकर्ताओं के काम न होने, कुछ अधिकारियों पर अनदेखी करने व कहीं-कहीं संगठन से उम्मीद के मुताबिक सहयोग न मिलने की बात कही।
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कुछ ने तो मंत्रियों और मंत्री का ओहदा पाने वाले नेताओं पर खुल कर असहयोग का आरोप लगा दिया। लोकसभा प्रत्याशी बने एक मंत्री ने तो अपने जिले के दर्जा प्राप्त मंत्रियों की जिम्मेदारी दूसरे जिलों में लगाने का आग्रह कर दिया। हालांकि, कुछ प्रत्याशियों ने यह भी कहा कि सब कुछ ठीक चल रहा है, संगठन से बेहतर तालमेल है। अधिकतर प्रत्याशियों ने चुनाव में अच्छी स्थिति होने और जीत का दावा किया।
उन्होंने सभी विधानसभा क्षेत्रों में काम करने और बूथ स्तर पर नेटवर्क खड़ा कर लेने की जानकारी दी।

विकास के कामों का पुलिंदा सौंपा

अधिकतर प्रत्याशियों ने पार्टी नेताओं को दिक्कत बताने के साथ ही विकास के कामों का पुलिंदा सौंप दिया। उन्होंने पूर्व में की गई घोषणाओं के मुताबिक काम न होने की भी जानकारी दी। कुछ आवेदन तबादलों और अन्य कामों से संबंधित थे। पार्टी प्रत्याशियों से मिली शिकायतों और फीडबैक की जांच कराएगी। इसके लिए एक कमेटी बनेगी।

इसकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रर्वाई की जाएगी। प्रत्याशियों से जुड़े मामलों में रामगोपाल यादव महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वह पूरे मामले को देखेंगे।

प्रत्याशी के मंत्री पति को लौटाया

मुलायम और अन्य नेताओं से मिलने के लिए एक महिला प्रत्याशी को भी बुलाया गया। उनके साथ किसी और को जाने की इजाजत नहीं दी गई। वेस्ट यूपी की एक महिला प्रत्याशी के साथ उनके राज्यमंत्री पति भी सपा नेताओं से गुफ्तगू करना चाहते थे लेकिन उन्हें इजाजत नहीं मिली।

वन-टू-वन बैठक में रामगोपाल यादव ने आमतौर से सभी प्रत्याशियों से कहा कि वे चुनावी तैयारियों में जुटे रहें। उम्मीदवारों में अब कोई बदलाव नहीं होगा।

नहीं पहुंची डिंपल यादव
बैठक में कन्नौज की सांसद डिंपल यादव नहीं पहुंची। कई उम्मीदवारों को उम्मीद थी कि डिंपल बैठक में आएंगी। उन्होंने एक-दूसरे से इस संबंध में पूछा भी। रामगोपाल के पुत्र अक्षय यादव और भतीजे धर्मेन्द्र यादव मौजूद थे।