हरिद्वार: करीब तीन महीने पूर्व मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का ऐलान कर हरिद्वार से निकले बाबा रामदेव देश भर में सुबह के अलावा शाम को भी शिविर लगाएंगे। बताया जा रहा है कि यह व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई तेज करने की कवायद के तौर पर किया जा रहा है। आम आदमी पार्टी (आप) की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए बाबा ने शिविरों की संख्या में इजाफे का फैसला किया है।
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भाजपा के सामने शर्त
हाल ही में बाबा रामदेव ने नरेंद्र मोदी के सामने समर्थन के लिए अपनी शर्तें रखकर सबको चौंका दिया था। वह भी तब जब पतंजलि में मोदी को बुलाकर उन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताकर पिछले छह महीने से विधिवत अभियान भी चला रखा है।
पांच जनवरी को दिल्ली में स्वाभिमान ट्रस्ट का सालाना जलसा मनाते हुए बाबा ने अपेक्षा की थी कि भाजपा अपने चुनावी घोषणा पत्र में उनके कम से कम पांच मुद्दों को शामिल करें। नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने इसका आश्वासन दे दिया था।
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केजरीवाल से चिन्तित
बाबा के नजदीकी सूत्र बताते हैं कि अचानक केजरीवाल की आप पार्टी को देशव्यापी समर्थन मिलता देख बाबा के चेहरे पर शिकन दिखाई दे रही है।
पतंजलि की ओर से सत्ता परिवर्तन का संदेश और प्रेरणा देने के लिए अभी तक केवल जनवरी तक के शिविरों का ही निर्धारण किया गया था। लेकिन, अब 30 अप्रैल तक के शिविर तय कर दिए हैं।
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बालकृष्ण का है कहना
पंतजलि महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि बाबा तभी वापस लौटेंगे जब मोदी पीएम की कुर्सी पर आसीन हो जाएंगे। कांग्रेस का अंत करने के लिए शिविरों की संख्या में वृद्धि की गई है। व्यवस्था परिवर्तन का बिगुल पहले ही बजाया जा रहा था, अब और जोरशोर से बजाया जाएगा।