फर्रुखाबाद: हर राजनैतिक दल की अपनी अपनी केमिस्ट्री होती है| अभी तक बसपा, सपा, कांग्रेस और भाजपा की जातीय समीकरणों के मुकाबले आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के मुद्दे चुनाव में अपना कैंडिडेट उतरना चाहती है| फर्रुखाबाद में वर्तमान सांसद सलमान खुर्शीद के मुकाबले में आम आदमी पार्टी को इमानदार छवि वाले फौजी अफसर की तलाश है| आम आदमी पार्टी की आन्तरिक चुनावी रणीनीति कारो से मिली जानकारी के अनुसार जनपद में आम आदमी पार्टी पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी|
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किसी जमे हुए राजनैतिक व्यक्ति के मुकाबले जनपद में किसी रिटायर फौजी की तलाश आम आदमी पार्टी यूं ही नहीं कर रही है| इसके पीछे बड़ी वजह भी बताई जा रही है| इमानदार छवि के साथ साथ जनपद में 15000 से ज्यादा सैनिक परिवारों का होना भी फौजी प्रत्याशी को जीत के समीकरण में फिट बैठाता है|
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फतेहगढ़ में दो दो सैनिक ट्रैनिंग सेण्टर होने के नाते जनपद में सैनिक परिवारो की कोई कमी नहीं है| लगभग हर गाव में दो चार सैनिक परिवार तो मिल ही जायेंगे| मोहम्दाबाद और कायमगंज बेल्ट में सर्वाधिक सैनिक परिवार रहते है| इसी के साथ साथ फतेहगढ़ नगर में तो 75 प्रतिशत आबादी सैनिक परिवारो की है| जातीय समीकरणों से भी ठाकुर परिवारो में फौजियों की संख्या की बहुलता होना आम आदमी पार्टी के लिए फायदे का सौदा हो सकता है| आंकलन के अनुसार औसतन एक फौजी परिवार में 10 की संख्या भी जोड़ ले तो ये संख्या 10000 होती है| और किसी भी प्रतिष्टित फौजी के आप का प्रत्याशी बनने पर ये बेस वोट बैंक का काम करेगा| जिले में फौजियों के कई संगठन है जिनकी सामाजिक गतिविधिया चलती रहती है| कई रिटायर कर्नल और सूबेदार समाज में सक्रीय भूमिका अदा करते रहते है| वैसे फर्रुखाबाद में आम आदमी का किसी फौजी पर दाव लगाना मास्टर स्ट्रोक से कम नहीं होगा ऐसा पार्टी के रणनीति कारो का मानना है| सूत्रो के अनुसार कई रिटायर फौजी अफसरो ने पार्टी के उच्च स्तर पर इस बाबत प्रस्ताव भी भेजा है|
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