फर्रुखाबाद: बसपा की सरकार हो तो हर सरकारी बैठको बसपा का छोटे से लेकर जिलाध्यक्ष तक डीएम के बगलगीर होते रहे| अब सपा सरकार है तो बाजार वाही है केवल चेहरे बदल जाते है| डीएम, एसपी, एडीएम, सीडीओ से लेकर नगर मेजिस्ट्रेट तक इनके लिए कुर्सियां खली करवाते देखे गए है| हालाँकि बीच में दो चार अफसर ऐसे भी आये जो इस संस्कृति को नापसंद करते हुए सीधे सीधे कहने में हिचके नहीं| मगर आमतौर पर सत्ता की चौखट पर नतमस्तक होने वाले अफसर ऐसा नहीं कर पाते| न चाहते हुए भी इन्हे झेलते है| वो तो सतीश दीक्षित जैसे गिने चुने नेता ही ऐसे है तो इस संस्कृति को सार्वजानिक रूप से नकारते हुए खुलेआम अनावश्यक घुसपैठ पर एतराज करते हुए हुक्म का पालन कराते देखे जा सकते है| दरअसल में बेमतलब में अफसरो के फेरे लगाने वाले नेता खुद पार्टी की फजीहत कराते है| ऐसा ही नजर कुछ रविवार को डीएम सभागार में देखने को मिला|
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राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रामआसरे विश्वकर्मा की उपस्थिति में हुई बैठक में दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री सतीश दीक्षित ने सपा जिलाध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव सहित अन्य सपा नेताओं को नहीं बैठने दिया। इससे सपा नेताओं में असंतोष दिखा।
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विकास भवन स्थित सभाकक्ष में दर्जा मंत्रियों व डीएम की उपस्थिति में शुरू हुई बैठक में जैसे ही जिला सपा अध्यक्ष चंद्रपाल यादव पहुंचे। सिटी मजिस्ट्रेट प्रभुनाथ ने चंद्रपाल यादव के लिए अपनी कुर्सी छोड़ी। इसी बीच सतीश दीक्षित ने चंद्रपाल यादव से कहा कि यह राजनैतिक बैठक नहीं सरकारी बैठक है। आप लोग बैठक के बाहर ही रहें। यह सुनकर चंद्रपाल यादव व विष्वास गुप्ता आदि सपा नेता सभाकक्ष के बाहर निकल आए। जिलाध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव ने बताया कि सतीश दीक्षित के कहने पर वह बैठक में शामिल नहीं हुए।
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