नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में अरविंद केजरीवाल सरकार के विश्वासमत हासिल करने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले ही हंगामा मच गया। भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी की टोपी को लेकर ऐतराज जताया है। आप विधायक और दर्शक दीर्घा में बैठे आप समर्थक आप पार्टी की टोपी लगाए दिखे जिस पर बीजेपी ने एतराज किया। हंगामा शांत होने के बाद केजरीवाल सरकार के मंत्री मनीष सिसोदिया ने विश्वासमत का प्रस्ताव रखा।
दिल्ली की सत्ता में काबिज हुई आम आदमी पार्टी की सरकार को आज बहुमत साबित करना है। बहुमत के लिए 36 का आंकड़ा साबित करना है। आम आदमी पार्टी के 28 विधायक हैं, जबकि उसे कांग्रेस के 8 विधायकों का समर्थन हासिल है।
हमें कोई डर नहीं- अरविंद
इससे पहले सीएम अरविंद केजरीवाल कौशांबी स्थित अपने घर से अपनी कार से विधानसभा के लिए रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने कहा है कि लोगों को आप पर भरोसा है, हमें सरकार गिरने का डर नहीं है। हम सत्ता के लिए नहीं आए हैं।
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सिसोदिया ने पेश किया प्रस्ताव
विश्वासमत पेश करते हुए दिल्ली के शिक्षा और शहरी विकास मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली का विकास आम आदमी पार्टी की सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा सरकार में बने रहने के लिए वह इसके साथ कोई समझौता नहीं करेगी। सिसोदिया ने आज कहा कि आप कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है। हम जनता के प्रतिनिधि हैं और दिल्ली के विकास के लिए यहां आए हैं। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि राजधानी के लोगों को स्वच्छ पानी और सस्ती बिजली मिले। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से राजनीति को पीछे छोड़कर विश्वास मत प्रस्ताव पर मत देने का आग्रह करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने दिल्ली के विकास के लिए सरकार बनाई है। सिसोदिया ने जन लोकपाल विधेयक पारित करने के प्रति अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि उनकी पार्टी साफ सुथरी राजनीति के पक्ष में है। सिसोदिया ने कहा कि विकास और योजनाओं के नाम पर लोगों को उपेक्षित किया जाता है, इसलिए हम यहां खड़े हैं।
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हर्षवर्धन ने बोला आप पर हमला
बीजेपी नेता डॉ. हर्षवर्धन ने विश्वास प्रस्ताव का विरोध किया। हर्षवर्धन ने आम आदमी पार्टी को बधाई देने के साथ ही उस पर जमकर हमला भी बोला। हर्षवर्धन ने कहा कि पहले शीला जी सदन में थीं। आज केजरीवाल जी मुख्यमंत्री के रूप में हैं। जब इनकी पार्टी का उदय हुआ था तो देश में लोगों को नई आशा की किरण नज़र आई थी। अन्ना के आंदोलन के कारण इस पार्टी का उदय हुआ। बाकि देशवासियों की तरह केजरीवाल जी से बहुत सी आशाए थीं।
हर्षवर्धन ने कहा कि केजरीवाल ने कहा था कि न किसी को समर्थन देंगे, न लेंगे। इससे सबके मन में उनके लिए आदर्श का भाव जगा था। लेकिन उन्होंने भ्रष्टाचार में डूबी कांग्रेस का समर्थन लेकर ही सरकार बना ली। जब लोग कसम खाकर उसको फॉलो करते हैं तो लगता है कि लोग अपनी बात के प्रति ईमानदार हैं। लेकिन जब कसम कहने के बाद कसम तोड़ी जाती है तो कई बातें उजागर होती हैं।
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जिस पार्टी की मुख्यमंत्री के खिलाफ उन्होंने चुनाव लड़ा और कहा कि चुनाव के बाद सबसे पहले वो दिल्ली की मुख्यमंत्री को जेल भेजेंगे। लेकिन अब कहते हैं कि हर्षवर्धन के पास सबूत हो तो दें। मैं जानना चाहता हूं कि जब इतने दिन ये कहते रहे कि कांग्रेस के खिलाफ पहला काम उनके मंत्रियों को जेल भेजने का करेंगे। आप कब कार्रवाई करेंगे। लेकिन ऐसी कौन सी मज़बूरी थी कि हारी हुई पार्टी को परदे के पीछे से लाकर उसको गद्दी पर बैठा दिया।
अरविंदर ने ली बीजेपी की चुटकी
वहीं, कांग्रेस विधायक अरविंदर सिंह लवली ने हर्षवर्धन पर चुटकी लेते हुए कहा कि उन्होंने इस ओजस्वी भाषण के लिए 15 साल का इंतजार करवाया। अपनी गलतियां मानते हुए लवली ने कहा कि हमने 15 साल दिल्ली में सरकार दी। हो सकता है हमारे कामों में कोई कमी रह गई होगी। उसी का खामियाजा भुगत रहे हैं। इतनी आंधी के आने के बाद भी आप (बीजेपी) इधर नहीं आ पाए। इसलिए शांति से अपने दर्द को सहिए। उपर वाले की लाठी के आगे कोई नहीं है। जो दर्द दे रहा है, वही ठीक करेगा। कुछ भी हो जाए आप वहीं रहोगे। आप जोशों-खरोश के साथ कह रहे हैं मोदी जी पीएम बनने वाले हैं। मदनलाल खुराना से लेकर आप तक सभी वेटिंग में ही हैं। बंगारू लक्ष्मण, येदुरप्पा जी की पार्टी के लोग भ्रष्टाचार दूर करने की बात कर रहे हैं।
केजरीवाल पर लवली ने कहा कि दिल्ली सरकार तो दूर, एमसीडी में जहां हाथ डालोगे केजरीवाल साहब वहीं भ्रष्टाचार मिलेगा। जब आप सीएम बनोगे तो कही भी करप्शन हो, वहां पर जांच करवाओ हम आपका साथ देंगे। हमने समर्थन सब बातों को ध्यान रखकर दिया है। हमने जो काम किया है, दिल्ली के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर किया है।
विपक्ष के नेता गुमराह करने वाली बात कर रहे हैं। शहीद इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा के हित की बात करते हैं उस शहीद की पत्नी को नौकरी हमने दिलाई। बिजली औऱ पानी की समस्या हमने दूर की। जनता के फैसले का हमने स्वागत किया है। हमने इनको समर्थन दिया इसलिए कि इनके वायदे पूरे हों। हम नहीं चाहते थे कि दिल्ली में चुनाव थोपे जाएं। हमारे पास खोने को कुछ नहीं था। हम दिल्ली लोकतंत्र का शासन चाहते थे। 6 महीने तक अफसरशाही रहती। तब क्या होता। हर राजनैतिक दल चाहता है कि वो सत्ता मे आएं। हमें दिल्ली के जनमत के बारे में सोचना होगा। हमने समर्थन बिना किसी बातचीत के दिया है ताकि दिल्ली में लोकतांत्रिक सरकार बरकरार रहे।
जब तक हमें लगेगा कि ये दिल्ली की जनता के हक में फैसला करते रहेंगे। हम आपको समर्थन देते रहेंगे। आप जल्दबाजी फैसले मत कीजिए। आप अफसरशाही के जंजाल में मत फंसिए।
केजरीवाल सरकार के फैसलों पर सवाल उठाते हुए लवली ने कहा कि जिस वर्ग के लिए आपने फैसला लिया है, उनको फायदा नहीं मिलेगा। आप जिस मिडिल क्लास की बात करते हैं, वो बल्क हाउसिंग में रहते हैं उनको फायदा नहीं होगा। बिजली का फैसला किया। आप ने सब्सिडी दे दी। आप हमसे अलग कहां हैं। आपने मान लिया कि यही रास्ता जो हम लेकर चल रहे थे। बिजली की सब्सिडी के लिए आप किस काम को रोकेंगे।
आपके पास पैसे नहीं हैं तो आप कैसे सब्सिडी दे सकते हैं। जो घोषणा करते हैं वो लागू जरूर करें। दिल्ली का बजट अभी आया नहीं है। जब बजट नहीं आया है तो आप पैसे सब्सिडी के लिए कैसे दे सकते हैं। ऐसे अधिकारियों की जिम्मेदारी फिक्स करनी चाहिए जिन्होंने आपको ये बताया है। मेरा और हमारे दल का पूरा सहयोग आपको रहेगा।