आदर्श घोटाले की जांच रिपोर्ट महाराष्ट्र सरकार ने खारिज की

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ashok-chavanनई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार ने आदर्श घोटाले में आयोग की जांच रिपोर्ट खारिज कर दी है। राज्य सरकार को आज ही विधानसभा में ये रिपोर्ट पेश करनी थी। लेकिन विधानसभा में रिपोर्ट रखने से पहले ही कैबिनेट ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया।

आदर्श कमीशन ने इस साल 18 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। सरकार को 6 महीने के भीतर ये रिपोर्ट सदन में रखनी थी लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। इसके बाद बीजेपी बॉम्बे हाईकोर्ट चली गई थी। हाईकोर्ट में भी सरकार ने कहा था रिपोर्ट पेश करना उसकी मजबूरी नहीं है।

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हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद सरकार ने कहा था कि वो इस सत्र में आदर्श घोटाले की रिपोर्ट पेश करेगी। सत्र का आखिरी दिन होने के नाते माना जा रहा था कि रिपोर्ट रखी जाएगी लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। आज के काम की लिस्ट में भी आदर्श कमीशन की जांच रिपोर्ट का जिक्र नहीं था। इस पर विपक्ष ने सरकार पर आदर्श घोटाले को दबाने का आरोप लगाते हुए सदन का बहिष्कार कर दिया।

विपक्ष का कहना है कि सरकार ने रिपोर्ट इसलिए खारिज कर दी क्योंकि इसमें कांग्रेस के बड़े नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक च्वहाण का नाम उजागर हो जाएगा और उनका भांडा फूट जाएगा इसलिए साजिश के तहत सरकार इस मामले को दबाने के लिए जांच रिपोर्ट खारिज कर रही है।

माना जा रहा है कि सरकार ने जांच रिपोर्ट खारिज कर अपने बड़े नेताओं को बचा लिया। इससे पहले राज्यपाल ने भी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक च्वहाण के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत सीबीआई को देने से इनकार कर दिया था। कुल मिलाकर कांग्रेस-एनसीपी सरकार किसी भी तरह इस घोटाले की सच्चाई जनता के सामने नहीं आना आने देना चाहती क्योंकि वो नहीं चाहती कि मामला तूल पकड़े और आने वाले लोकसभा चुनाव में उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़े।

अशोक च्वहाण को किसी भी हद तक जाकर बचाने के लिए कांग्रेस सरकार इसलिए भी मजबूर है क्योंकि अशोक चव्हाण मराठवाड़ा के इलाके में अच्छी राजनीतिक पकड़ रखते हैं। विलासराव देशमुख के निधन के बाद कांग्रेस के पास उनके जैसा कोई कद्दावर मराठा नेता नहीं बचा है इसलिए वो नहीं चाहती कि च्वहाण मुश्किल में फंसें।