बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को पांच साल की सेवा के स्थान पर तीन साल में पदोन्नति देने पर भी विचार किया जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में कार्मिक विभाग से राय मांगी है, ताकि शिक्षकों की रैली में इस संबंध में मुख्यमंत्री घोषणा कर सकें।
उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने बुधवार को ज्योतिबा फुले पार्क लखनऊ में रैली आयोजित की है। इसमें माध्यमिक, बेसिक के शिक्षकों के अलावा शिक्षा मित्र भी शामिल हो रहे हैं।
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महासंघ ने 6 दिसंबर को मुख्यमंत्री को संबोधित 20 सूत्रीय मांग पत्र भेजा था। महासंघ के आह्वान पर इस रैली में प्रदेशभर से शिक्षक आ रहे हैं।
राज्य सरकार लोकसभा चुनाव से पहले किसी की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती है। इसलिए इस मौके पर मुख्यमंत्री स्वयं शिक्षकों का दामन सौगातों से भरना चाहते हैं।
इन पर भी हो सकता है फैसला
-परिषदीय शिक्षकों को उच्चीकृत ग्रेड वेतन 4600 व 4800 पर न्यूनतम मूल वेतन 17140 व 18150 दिया जा सकता है।
-परिषदीय स्कूलों में मृतक आश्रित कोटे पर पूर्व की भांति शिक्षक पद पर नियुक्ति और बाद में टीईटी की अनुमति देने।
-परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों को पांच वर्ष के स्थान पर तीन वर्ष में पदोन्नति देने।
-परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को पेंशन कोषागार से देने के साथ पेंशन स्वीकृत का अधिकार। विभागीय अधिकारी को देने।
-राजकीय शिक्षकों का प्रोन्नति कोटा पूर्ण करने।
-राजकीय शिक्षकों का अंतिम जीपीएफ भुगतान मंडल स्तर पर निस्तारित करने।
-राजकीय शिक्षकों की वरिष्ठता सूची प्रकाशित करने की घोषाणा हो सकती है