FARRUKHABAD : जैसे जैसे सर्दी अपने सबाब पर आ रही है, रुई व्यापारियों के चेहरे पर खुशी बढ़ती जा रही है। दरअसल सर्दी बढ़ने के साथ-साथ रुई के दामों में भी अच्छा खासा इजाफा होने की संभावना है और दुकानदारी तो बढ़ेगी ही। फिलहाल दुकानों पर रुई व रजाई खरीदने वालों की भीड़ पहुंचने लगी है। सबसे बढ़िया मानी जाने वाली देशी रुई के जबाब में बाजार में सिंथेटिक रुई का चलन इस बार तेजी पकड़ रहा है।
शहर में रुई व्यापारियों की दुकानों के सामने दूर दराज से ग्राहकों का आना जाना शुरू हो चुका है। सर्दी ने भी दस्तक दे दी है। घरों में बक्सों में बंद रजाइयां भी बाहर आ गयी हैं। लेकिन इस बार सिंथेटिक रुई के दामों ने देशी रुई के दामों के सामने ताल ठोक दी है। लगभग दोनो के रेट वर्तमान में एक समान बने हुए हैं। सिंथेटिक रुई बाजार में इस समय 140 रुपये, देशी रुई 120 से लेकर 140 रुपये तक बिक रही है।
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काटन वेस्ट और उड़ान रुई भी रेट के हिसाब से ग्राहकों की रजाइयों के अंदर गर्माहट पैदा करने के लिए भरी जा रही है। लेकिन इन दोनो ब्रांडों को घटिया किस्म का माना जा रहा है। इस बजह से कम लोग ही इस क्वालिटी को पसंद कर रहे हैं। बाजार में 60 रुपये से लेकर 140 रुपये प्रति किलो तक की रुई वर्तमान में मौजूद रहे।
बूरा वाली गली में रुई का व्यवसाय करने वाले आशिफ ने बताया कि फिलहाल दामों में तो पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष कोई फर्क नहीं आया है। लेकिन सर्दी बढ़ने के साथ-साथ रुई के दाम बढ़ सकते हैं और सहलग भी इसके दामों पर अपना असर डालेगी।