FARRUKHABAD : कांग्रेस पूर्व जिलाध्यक्ष राजेन्द्र नाथ कटियार की पुत्रवधू के शिशु की गर्भ में मौत हो जाने के बाद सम्बंधित चिकित्सक डा0 विपुल अग्रवाल व उनकी पत्नी सहित पांच लोगों पर इलाज में लापरवाही के चलते गैर इरादतन हत्या का मुकदमा शहर कोतवाली में दर्ज किया गया था। लेकिन डाक्टर की गिरफ्तारी का मामला पुलिस की गले की हड्डी बन गया है। बजह कुछ यह मानी जा रही है कि पुलिस के कुछ बड़े अधिकारी चिकित्सक से हाथ मिलाकर मामले को दबाने का प्रयास कर रहे हैं।
बीते 18 नवम्बर को सिटी अस्पताल में इलाज के दौरान राजेन्द्रनाथ कटियार की पुत्रवधू प्रीती कटियार पत्नी विजय कटियार के गर्भस्थ शिशु की मौत हो गयी थी। पुलिस ने राजनीतिक दबाव के चलते मुकदमा तो पंजीकृत कर लिया लेकिन अब गिरफ्तारी में पेंच आ गया है। एक तरफ पुलिस ने अभी तक डाक्टर दम्पत्ति के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य एकत्र नहीं कर पाये हैं तो वहीं दूसरी तरफ पीड़ित पक्ष की तरफ से कई संगठन डाक्टर दम्पत्ति की गिरफ्तारी के लिए सार्वजनिक रूप से सामने आ गये हैं। ढीली चल रही पुलिस की जांच की मुख्य बजह कुछ और भी है।
डाक्टर दम्पत्ति की पहुंच पुलिस के कई बड़े आला अधिकारियों से भी है। जिनकी शिफारिश भी जनपद की पुलिस के गले की हड्डी बन गयी है। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि डाक्टर दम्पत्ति एक सत्ताधारी नेता की शिफारिश पर अभी तक गिरफ्तार नहीं किये गये हैं। गिरफ्तारी को लेकर मामला उग्र होता नजर आ रहा है। फिलहाल जानकारी के मुताबिक डाक्टर दम्पत्ति का लखनऊ में होने की चर्चाओं का बाजार गर्म है। पुलिस भी कुल मिलाकर बैकफुट पर ही नजर आ रही है।