एफआईआर में हेरफेर करने में फसेगा कोतवाल का मुंशी

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FARRUKHABAD : नगर कोतवाली का हेड मोहर्रिर अशोक कुमार सिंह फरियादी के प्रार्थनापत्र से हटकर मुकदमें में अपनी लाइन जोड़ने के मामले में फसेंगे। सुप्रीम कोर्ट तक का आदेश है कि फरियादी के प्रार्थनापत्र से छेड़छाड़ न की जाये। इसके बावजूद मुन्शी जी ने शब्दों में हेरफेर कर मुल्जिमों को बचाने का रास्ता साफ कर दिया। इस मामले में पीड़ित ने न्यायालय में हेड मुन्शी के खिलाफ मुकदमा चलाये जाने का प्रार्थनापत्र दिया जो स्वीकार कर लिया गया।

विजय कुमार कटियार पुत्र राजेन्द्रनाथ निवासी नेकपुर चौरासी द्वारा न्यायालय में दिये प्रार्थनापत्र में कहा है कि उन्होंने 20 नवम्बर को उन्होंने प्रार्थनापत्र प्रभारी निरीक्षक कोतवाली फर्रुखाबाद को एफआईआर दर्ज कराने हेतु लिपिक अशोक कुमार सिंह को दिया था। अशोक कुमार ने चिक एफआईआर अपने हस्तलिखित में दर्ज की। इस चिक एफआईआर में जान बूझकर यह लिखा कि करीब 3 बजे बाद डा0 सिम्मी अग्रवाल आई यह लाइन जो प्रार्थी ने तहरीर दी थी। उसमें नहीं लिखी थी। तहरीर में यह अंकित था कि करीब तीन घंटे बाद डा0 सिम्मी अग्रवाल आई।

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तहरीर में करीब तीन घंटे बाद डा0 सिम्मी अग्रवाल का अस्पताल में आना लिखा गया था। इसका आशय यह था कि रात 2 बजे प्रार्थी अपनी पत्नी प्रीती कटियार को लेकर अस्पताल गया था लेकिन 5 बजे तक डा0 सिम्मी अग्रवाल ओर डा0 विपुल अग्रवाल जान बूझकर नहीं आये।

जिससे पत्नी प्रीती कटियार की तबियत खराब हुई और बच्चा पेट में ही मर गया। तब तक अप्रशिक्षित नर्सें इलाज करती रहीं। इसीलिए तहरीर में यह अंकित किया गया था कि करीब तीन घंटे बाद डा0 सिम्मी अग्रवाल आई। लेकिन जान बूझकर अभियुक्तगणों से मिलकर लिपिक अशोक कुमार सिंह ने उपरोक्त शब्द अंकित किया कि करीब 3 बजे बाद डा0 सिम्मी अग्रवाल आईं।

यह कृत्य जानबूझकर किया गया है, जिससे अभियुक्तगणों को लाभ मिले। तहरीर वादी दिनांकित 20 नवम्बर 2013 एवं चिक रिपोर्ट दिनांकित 20 नवम्बर 2013 की सत्यापित प्रतिलिपि आवेदन के साथ संलग्न है। इस तरह जान बूझकर अभियुक्तगणों को लाभान्वित किया गया तथा सरकारी अभिलेखों में कूटकरण किया गया है। जो कि एक संज्ञेय अपराध है। इस सन्दर्भ में पुलिस अधीक्षक फर्रुखाबाद को जरिये प्रार्थनापत्र अवगत कराया गया था। इस अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट अभी तक नहीं लिखी गयी है।

विजय कटियार ने न्यायालय में अर्जी लगायी है कि प्रभारी निरीक्षक कोतवाली फर्रुखाबाद को निर्देशित किया जाये कि वह इस घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करें तथा विधिवत विवेचना करें तथा विवेचना के परिणामों से न्यायालय को अवगत करायें।