समाज कल्याण विभाग से संचालित आश्रम पद्धति स्कूलों में भी टीईटी पास शिक्षक रखे जाएंगे।विभाग के सीनियर अफसरों की बैठक में इस संबंध में सहमति लगभग बन गई है। जल्द ही इस बाबत निर्देश जारी किए जा सकते हैं। अभी इन स्कूलों में बिना टीईटी पास शिक्षकों को ही रखा जा रहा है।
प्रमुख सचिव समाज कल्याण ने हाल ही में आश्रम पद्धति स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था को दुरुस्त करने के संबंध में अफसरों की बैठक बुलाई थी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद कक्षा 8 तक के स्कूलों में शिक्षक रखने के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य कर दिया गया है।
पर आश्रम पद्धति के स्कूलों में अभी बिना टीईटी पास शिक्षक ही रखे जा रहे हैं। बैठक में प्रमुख सचिव ने अफसरों को निर्देश दिया कि आश्रम पद्धति के स्कूलों में कक्षा 8 तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए टीईटी पास शिक्षक ही रखे जाएं। भविष्य में भर्ती संबंधी जो भी विज्ञापन निकाला जाए, उसमें टीईटी की अनिवार्यता जोड़ी जाए। इसके अलावा इंटर में पढ़ने वाले छात्रों को कोचिंग देने की व्यवस्था की जाए, ताकि वे पास होने के बाद इंजीनियरिंग या फिर अन्य कोर्सों की तैयारी कर सकें।
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31,422 बच्चे पढ़ रहे हैं आश्रम पद्धति के स्कूलों में
मौजूदा समय में सूबे में 77 आश्रम पद्धति के स्कूल चल रहे हैं। इनमें कक्षा 1 से इंटरमीडिएट तक की शिक्षा बच्चों को दी जा रही है। इन स्कूलों में 60 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 25 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग और 15 प्रतिशत सामान्य वर्ग के गरीब बच्चों को प्रवेश दिया जाता है।
इन स्कूलों में 36,480 बच्चों की क्षमता है और 31,422 बच्चे पढ़ रहे हैं। स्कूलों में प्रवेश देने के लिए जिलों में जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में कमेटियां बनाई गई हैं।