FARRUKHABAD : क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का भूत इस तरह से युवा वर्ग पर हावी है वह एक घटना में सामने आया। सचिन के सन्यास लेते ही खुद सचिन बनने की चाह में शस्त्र बंदी रक्षक का पुत्र बीते चार दिन से घर से लापता हो गया। घर पर एक चिट्ठी भी छोड़ गया है। जिसमें उसने लिखा है कि मुझे ढूंढने की कोशिश मत करना, मैं क्रिकेटर सचिन बनना चाहता हूं।
मूल रूप जनपद फिरोजाबाद के बहरोली नगला भूड़ निवासी जयवीर सिंह सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़ में शस्त्र बंदी रक्षक के पद पर तैनात हैं। उनका 13 वर्षीय पुत्र ईशू राजपूत सेन्टलारेंस स्कूल में कक्षा 8 का छात्र था। गायब छात्र ईशू राजपूत की मां बसंतीदेवी ने बताया कि ईशू पढ़ाई से अधिक क्रिकेट में रुचि रखता था। जिसके चलते अक्सर उसकी डांट पड़ जाती थी। बीते 17 नवम्बर को जब सचिन तेंदुलकर ने सन्यास लिया। उसी दिन दोपहर 12 बजे ईशू स्कूली बैग लेकर घर से गायब हो गया।
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घर पर उसने अपनी कापी के पन्ने पर चिट्ठी भी छोड़ी। जिसमें लिखा कि ‘‘मम्मी अब हम कभी नहीं मिलेंगे, क्योंकि मैं रोज के तानों से तंग आ गया हूं, मुझे पढ़ाई करना अच्छा नहीं लगाता, मैं क्रिकेटर बनना चाहता हूं, इसलिए मैं यह घर छोड़कर जा रहा हूं, कल मैं स्कूल सचिन के मैच की बजह से नहीं गया था। मैं तुम्हें इसलिए बता रहा हूं क्योंकि अब तुम्हें अपनी इज्जत कैसे बचानी है, जेल के सामने। इसलिए तुम्हें मैं बता रहा हूं, क्योंकि किसी ने पूछा कि ईशू कहां गया है तो तुम्हें ही बताना होगा। चिंता मत करो मैं जिंदा रहूंगा और कभी लौटकर नहीं आऊंगा। तुम्हारा ईशू – धन्यवाद।
पुत्र की चिट्ठी मिलने के बाद उसकी तलाश की गयी लेकिन कहीं पता नहीं चला। मां बसंती देवी का रो रो कर बुरा हाल है। परिजन अभी भी छात्र को ढूंढने में जुटे हुए हैं। खबर लिखे जाने तक उसका कोई पता नहीं चला।