SHAMSABAD (FARRUKHABAD) : जनपद में लूटपाट की बारदातों में अक्सर मुकदमा दर्ज करने से पुलिस कतराती नजर आती है। जिससे पीड़ितों को जनपद में पुलिस से न्याय की कोई आस नहीं रहती। बीते 16 नवम्बर को शमसाबाद थाना क्षेत्र में लगने वाले ढाईघाट मेले में पशु खरीदने आये व्यापारियों से बदमाशों ने लाखों रुपये की लूट कर ली। लूट के पीड़ित जब थाना पुलिस के पास पहुंचे तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की।
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ढाईघाट मेले में 16 नवम्बर को जनपद बदायूं के थाना उसैत के ग्राम हरेड़ी निवासी 9 व्यापारी ढाई आने वाली सड़क पर आये थे। गंगा दो भागों में बंटे होने से उन्होंने पहली धार नाव से पार की। जिसके बाद वह मेले की तरफ आ रहे थे तभी गन्ने के खेत से निकले आधा दर्जन बदमाशों ने तमंचा लगाकर उनसे रुपये लूट लिये। जिसमें सत्यपाल पुत्र ईश्वरीय से 39800, सोवरन पुत्र गोकुल से 32 हजार, ऋषीपाल पुत्र हुलासी से 35500, गंगाराम पुत्र धनपाल से 35000, मदनलाल पुत्र सियाराम से 36000, रामबाबू पुत्र सत्यपाल से 16500, अमर सिंह पुत्र ऋषीपाल से 28500, रामपाल पुत्र गंगाराम से 18000, रामप्रकाश पुत्र खुशहाली से 22500 रुपये लूट लिये।
व्यापारियों ने शोर मचाने का प्रयास किया तो बदमाशों ने फायर झोंक दिया और गन्ने के खेत में दोबारा चले गये। पीड़ित व्यापारी मेले में ड्यूटी कर रहे शमसाबाद दरोगा के पास पहुंचे तो उसने कहा कि आप लोग चुप रहिये। अधिकारियों को पता चलेगा तो डांट होगी। और दरोगा ने व्यापारियों को 600 रुपये खर्चे के लिए दिये व लंच पैकिट खाने के लिए दिये। लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की। तीन दिन बीत जाने के बाद भी शमसाबाद थाना पुलिस पीड़ितों को लगातार टरका रही है। पीड़ित ग्रामीण रिपोर्ट दर्ज होने व उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद में अभी भी शमसाबाद में ही डेरा डाले हैं।