फर्जी अनुदेशको की भर्ती में सास बहू और बाप बेटी का रिश्ता

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corruptionफर्रुखाबाद: हर घोटाले में कुछ रिश्तेदारियों का मेल होता है| केंद्र के 2जी, 3जी, और जीजाजी जैसे मामले राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा बना चुके है| 2जी में कनिमोझी और उनके रिशेदारो ने सुर्खियां बटोरी| जमीन घोटाले में कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के जीजाजी रोबर्ट बडेरा ने सुर्खियां बटोरी| राष्ट्रीय स्तर की चर्चा में फर्रुखाबाद भी अछूता नहीं है| इस जनपद के सांसद सलमान खुर्शीद से जुड़ा बैशाखी घोटाला खूब सुर्खियां बटोर चुका है| सलमान खुर्शीद की फजीहत उनकी पत्नी के ट्रस्ट की वजह से हुई| मामला अदालत में मानहानि तक पहुच चुका है| अब लोकल स्तर पर चर्चा बेसिक शिक्षा का अनुदेशक भर्ती घोटाला है| रिश्तेदारी का खेल यहाँ भी खूब है| रिश्तो में खूब लेन देन हुआ, शिक्षक बाप ने बेटी के लिए और शिक्षक सास ने बहू के लिए जुगाड़ लगायी| वहीँ एक शिक्षिका ने अपनी बहन के लिए भी बिरादरी से गोटी फिट करा दी| मगर इस पूरे खेल में तमाशा मुफ्त नहीं हुआ| भ्रष्टाचार में रिश्ते और रिश्तेदारी पर रिश्वत की रकम हमेशा ताज की जगह रखती है|
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तो फर्रुखाबाद में अब तक 25 अनुदेशको को फर्जी करार देकर लगभग एक माह पूर्व कोतवाली फतेहगढ़ में मुकदमा लिखाने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अपनी खानापूर्ति कर दी है| खानापूर्ति इसलिए क्योंकि एक माह बाद भी 420 का मुकदमा अभी पुलिस के अभिलेखो में चढ़ने के लिए तरस रहा है| अब जिन 25 अनुदेशको को फर्जी करार दिया गया वे यूँ ही नहीं मास्टर बनने गए थे| वे सब जानते थे कि जहाँ जहाँ उन्हें नियुक्त किया जा रहा है वहाँ कोई वकेंसी नहीं है| नियम के अनुसार जिस स्कूल में कम से कम 100 बच्चे उच्च प्राथमिक में होंगे वही अनुदेशको को नियुक्त किया जाना था| और नगर के एक भी विद्यालयमें 100 बच्चे ही नहीं है| जानबूझकर ये सभी अनुदेशक फर्जी भर्ती में शामिल हुए| इनके परिजन और रिश्तेदार कहीं न कहीं शिक्षा विभाग से जुड़े है|

तो बेसिक शिक्षा विभाग के इन्ही लोगो ने इस गोरखधंधे के लिए क्लाइंट तलाशे| मुख्य आरोपी निसार खान प्राथमिक स्कूल महरुपुर सहजु का हेडमास्टर था| निसार खान इससे पहले सर्विस बुक पर उम्र की हेराफेरी में फस चुके है| एक बार बीटीसी की फर्जी नियुक्ति में भी जेल की हवा खा चुके है| आरोप है इन्ही निसार खान ने फर्जी अनुदेशको की भर्ती के लिए पूरा जाल बिछाया| सम्पर्क में आयी विकलांग शिक्षिका चमन शुक्ला जो कि शांति जूनियर हाई स्कूल में तैनात है| इन्हे कभी बीएसए रहे जीवेन्द्र सिंह ऐरी ने अग्रिम आदेशो तक जिला स्काउट गाइड एंड मास्टर का कार्य देखने को कहा था| उसके बाद आज तक मैडम स्कूल में पढ़ाने तो गयी नहीं| तब भाजपा की सरकार हुआ करती थी और स्व प्रभा द्विवेदी प्रदेश में मंत्री थी| चमन शुक्ला मंत्री के फेरे लगाती थी| उनके पति रामवीर शुक्ला भजापई है| इसी जोड़ तोड़ का फायदा चमन शुक्ला को जो मिला वो पिछले 13 साल से कायम है| वैसे मैडम के पास प्रभार है असल में ये जिला स्काउट एंड गाइड के पद पर तैनात नहीं है|

तो साहब चमन शुक्ला ने अपनी बहन पारो पुत्री आशिफ हुसैन के लिए जुगाड़ लगायी| पारो को उच्च प्राथमिक विद्यालय चीनीग्रान में फर्जी नियुक्ति पत्र के माध्यम से अनुदेशक का पद हासिल हो गया| चमन शुक्ला की बहन रेश्मा बानो पूर्व माध्यमिक विद्यालय बढ़पुर में इंचार्ज प्रधाचार्य है| यानि परिवार में कई लोग बेसिक शिक्षा में होने के बाबजूद इन्हे ये मालूम नहीं हो पाया कि नियुक्ति पत्र फर्जी है ये बात हजम करने लायक तो नहीं लगती| चमन शुक्ला के घर के सामने सोनी सक्सेना रहती है| जाहिर है पडोसी होने का धर्म भी चमन शुक्ला ने निभाया होगा| अपनी बहन को फर्जी अनुदेशक बनबाने के साथ सोनी सक्सेना को अपनी बहन के स्कूल में ज्वाइन कराया| यहाँ यह भी जानकारी देना महत्वपूर्ण है कि सोनी सक्सेना की सास प्राथमिक विद्यालय बढ़पुर में हेड रह चुकी है|

जिला विद्यालय निरीक्षक दफ्तर के कैंपस के अंदर स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय फतेहगढ़ में अनुदेशक के तौर पर नियुक्ति पायी जेबा इरफ़ान पुत्री सैयद इरफ़ान भी फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाली करार दी गयी| जेबा के पिता सैयद इरफ़ान उसी स्कूल के हेडमास्टर है जिस स्कूल में उनकी बेटी को फर्जी अनुदेशक का तमगा मिला| मगर मास्टर साहब ने अपनी बेटी के बारे में रजिस्टर में साफ़ लिख दिया कि वे जेबा को नहीं जानते थे| इसी स्कूल में एक अन्य फर्जी साहब पकडे गए| नाम है अमित अवस्थी पुत्र कृष्ण कुमार अवस्थी| ये भी फर्जी नियुक्ति पत्र खरीद कर नौकरी करने पहुचे थे| बेचारे बेभाव फस गए|

रिश्तो की फर्जी भर्ती पर अगली जानकारी अगले अंक में—