KAIMGANJ (FARRUKHABAD) : कम्पिल रोड रेलवे स्टेशन की समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन करने जा रहे एक आन्दोलनकारी की आज सुबह उसके घर में ही मौत हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि उसकी मौत पुलिस द्वारा निषेद्याग्या की कार्यवाही से हुई है। उधर उसकी मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने स्टेशन के सामने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
पूर्वाेत्तर रेलवे लाइन की कम्पिल रोड स्टेशन पर कुछ दूरस्थ गाडिय़ों के ठहराव,रेलवे लाइन पर दोनों तरफ प्लेटफार्म तथा ओबरब्रिज बनाये जाने की मांग कटिया गांव केलोग लम्बे अर्से से करते चले आ रहे हैं। इस सम्बन्ध में उन्होंने कई ज्ञापन रेलवे प्रशासन को दिये।
अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए कटिया निवासी वकील अहमद खां पुत्र अब्बल खां के नेतृत्व में एक संघर्ष समिति का गठन किया गया। समिति के अध्यक्ष वकील अहमद खां की ओर से आज २७ अक्टूबर को रेलवे स्टेशन पर धरना प्रदर्शन करने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी गई थी। लेकिन प्रशासन ने अपनी मजबूरियां बताकर अनुमति देने से मना कर दिया था। प्रशासन की ओर से पांच दिन का समय मांगा गया था। लेकिन अध्यक्ष अपनी मांग पर अडिग रहे। उन्होंने निर्धारित समय पर आन्दोलन करने का फरमान जारी कर दिया।
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जिसको लेकर प्रशासन ने उनके तथा उनके भाइयों शगीर खां,सूबेदार खां और खलील खां,जमील खां तथा सगीर खां,जहीर खां,तैय्यब खां,नबाब दूल्हे मियां,मनोज कुमार एवं बकरीद आलम खां के खिलाफ शान्तिभंग की कार्यवाही कर दी गई। बताया गया है इस कार्यवाही के दबाव के कारण ग्रामीण वकील खां की मौत हो गई। उसकी मौत के बाद उसके भाइयों शगीर खां एवं खलील खां कई ग्रामीणों के साथ स्टेशन के पास अनशन पर बैठ गये। जब इस बात कीज जानकारी ग्रामीणों की हुई तो वह भारी संख्या में वहां जमा हो गये। उधर सूचना मिलते ही चौकन्ने हुए स्थानीय अधिकारियों ने जिले के उच्च प्रशासनिक अधिकारियों को मामले की जानकारी दी।
जानकारी प्राप्त होते ही प्रशासन ने शान्ति व्यवस्था बनाये रखने हेतु जनपद के थाना कम्पिल, कायमगंज ,शमसाबाद, मेरापुर, नबाबगंज, मोहम्मदाबाद, जहानगंज, कमालगंज की पुलिस तथा एक प्लाटून पीएसी सहित रेवले पुलिस को वहां तैनात कर दिया।
उपजिलाधिकारी प्रहलाद सिंह एवं क्षेत्राधिकारी एके रावत मौके पर पहुंचे और अनशनकारियों से बात की। आक्रोशित ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि आन्दोलन की घोषणा के बाद से ही थाना प्रभारी कम्पिल व अन्य अधिकारी बेहद दबाव बनाये हुए थे। जिसके कारण तनावग्रस्त होकर आन्दोलन के प्रमुख वकील खां की मौत हो गई। लेकिन उपजिलाधिकारी ने इस आरोप को निराधार बताया तथा मृतक के परिवार को सान्तवना देते हुए शान्तिभंग की कार्यवाही को निरस्त करने का आश्वासन दिया।