FARRUKHABAD : भारतीय रेल व्यवस्था में अव्यवस्था को लेकर आये दिन दुर्घटनायें हो रहीं हैं। जनपद के रेलवे स्टेशन याकूतगंज के निकट गुमटी पर तैनात बीमार गेटमैन सोता रहा और धड़-धड़ करती हुई एक्सप्रेस ट्रेन निकल गयी। अचानक निकली ट्रेन से एक बड़ा हादसा होते होते बच गया। इतना ही नहीं आगे जाकर ट्रेन रुकी, ड्राईवर, गार्ड और गेटमैन तीनो ने आपस में समझौता किया- न तुम मेरी पोल खोलो, न मैन तुम्हारी पोल खोलू और चली गयी ट्रेन| लेकिन एक बड़ा हादसा आज टल गया|
याकूतगंज रेलवे स्टेशन के निकट गुमटी नम्बर 144 पर गेटमैन ओमप्रकाश निवासी बैनी नगला तैनात है। शनिवार को लगभग 1 बजकर 7 मिनट पर कानपुर की तरफ से अनवरगंज मथुरा एक्सप्रेस ट्रेन गुमटी नम्बर 144 पर लगा लाल झण्डा तोड़ते हुए गुजर गयी। गेटमैन को ट्रेन आने की भनक भी नहीं लग पायी।
कुछ गड़बड़ी या अनहोनी की आशंका भांप ट्रेन के ड्राइवर ने आगे जाकर ट्रेन रोक ली और गुमटी पर तैनात गार्ड ओमप्रकाश को बुलाकर पूछताछ की। गार्ड ने कहा कि वह बीमार चल रहा है। वह सो गया था। अचानक ट्रेन गुजर गयी और उसने नहीं जान पायी। अब गलती तीनो की थी| लाल झंडा लगा होने पर ड्राईवर ट्रेन आगे कैसे ले गया| गार्ड क्या कर रहा था? गेटमैन ने दूसरा झंडा तुरंत इंतजाम किया और ठोक दिया| तीनो ने मिलकर एक लापरवाही पर पर्दा डाल दिया|
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गेटमैन ओमप्रकाश का कहना है कि उसने बीमारी के कारण कई दिन पहले से अधिकारियों से छुट्टी मांगी लेकिन उसे छुट्टी नहीं दी गयी। जिसे काफी दिनों से बुखार आ रहा है। उसने बताया कि बुखार के कारण ही उसकी आंख लग गयी थी। जो भी हो गेटमैन और ड्राईवर की लापरवाही से एक बार फिर कोई बड़ी घटना घट सकती थी।