FARRUKHABAD : विकासखण्ड कमालगंज क्षेत्र के ग्राम राजेपुर सरायमेदा में फर्जी तरीके से कागजों पर ही चलाये जा रहे मदरसे के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे रिटायर्ड शिक्षक एवं आरटीआई एक्टिविस्ट ऐनुल हसन का अनशन तीन दिन की मोहलत के साथ डीआईओएस व बीएसए ने समाप्त करा दिया। बीएसए और डीआईओएस ने माना कि मदरसा पूर्णतः फर्जी था। जिस स्थान पर मान्यता ली गयी थी, उस स्थान पर मदरसा नहीं खुला।
आमरण अनशन स्थल पर पहुंचे प्रभारी डीआईओएस भगवत पटेल व बीएसए नरेन्द्र शर्मा ने कहा कि जिलाधिकारी के कहने पर वह यहां आये हैं। जिलाधिकारी ने संदेश भिजवाया है कि तीन दिन के अंदर पूरी रिपोर्ट मंगवाकर भेज देंगे। मौखिक रूप से यह स्वीकार किया कि मदरसा पूर्णतः फर्जी था। जिस स्थान पर मान्यता ली गयी थी, उस स्थान पर मदरसा नहीं खुला।
बेसिक शिक्षा अधिकारी नरेन्द्र शर्मा व प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक ने ऐनुल हसन को आश्वासन दिया कि राजेपुर सरायमेदा में चल रहे मदरसा जामिया अरबिया यासीनुल उलूम के बारे में तीन सदस्यीय टीम के द्वारा जांच की जा रही है। जिसमें वह दोनो अधिकारी भी शामिल हैं। प्रभारी डीआईओएस व बीएसए ने ऐनुल हसन से कहा कि उन्हें तीन दिन का समय दें, जांच के बाद मदरसा संचालक के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। जिसके बाद ऐनुल हसन को जूस पिलाकर अनशन समाप्त करा दिया गया।
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विदित हो कि राजेपुर सरायमेदा निवासी एनुल हसन का कहना है कि बीते 28 मई 2008 से मदरसा जामिया अरबिया यासीनुल उलूम, पैगामे हक मुस्लिम मायनारिटी एजूकेशन सोसायटी के माध्यम से ग्राम पंचायत राजेपुर सरायमेदा क्षेत्र कमालगंज में भर्जीबाड़ा करके चलाया जा रहा है। मदरसा संचालन के नाम पर सरकारी धन का घोटाला उजागर करने के वास्ते उन्होंने ने कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को भी पत्र सौंपे। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की।
अब देखना है कि ऐनुल हसन द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ किये जा रहे आंदोलन पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की जाती है या फिर मदरसा संचालक को जान बूझकर नई बिल्डिंग तैयार करने के लिए समय दिया जा रहा है।