रामबारात: रंग भूमि जब सिय पगु धारी, देखि रूप मोहे नर नारी

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FARRUKHABAD : शहर के रेलवे रोड स्थित सरस्वती भवन से जैसे ही भगवान श्री राम की बारात रथों पर सवार होकर निकली तो प्रभु के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं में भारी उत्साह दिखायी दिया। श्री राम के भक्ति गीतों पर श्रद्धालु जमकर थिरके। जगह जगह बारात पर पुष्प वर्षा की गयी व आरती उतारी गयी।BHAGWAN

रामलीला मण्डल की तरफ से आयोजित की गयी राम बारात में राम लक्ष्मण के दिव्य स्वरूपों को निहारते लोग मंत्र मुग्ध थे। रामायण की चौपाइयों की धुनों पर वातावरण राममय हो गया। मंगल भवन अमंगल हारी, द्रबहु सो दशरथ अजर बिहारी, प्रवश नगर कीजे सब काजा, ह्रदय राखि कौशलपुर राजा। रंग भूमि जब सिय पगु धारी, देखि रूप मोहे नरनारी, धीरज, धर्म, मित्र और नारी, आपति काल परखिये चारी आदि चौपाइयों को बैण्ड की धुनों पर जब बजाया गया तो शहर के मुख्य मार्ग श्री राम मय हो गये।

बारात में भगवान शंकर, भगवान विष्णु, माता दुर्गा, श्री गणेश, माँ काली, राधा कृष्ण, परशुराम  सहित दर्जन भर से अधिक भव्य स्वरूपों की झांकियों का अवलोकन कर श्रद्धालु फूले नहीं समा रहे थे। काली के अखाड़े को लोगो ने खूब सराहा. शोभायात्रा मुख्य मार्गों से होती हुई लिंजीगंज जनवासे में समाप्त हुई। जहां पर रात्रि में भव्य रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन भी किया जा रहा है।GANESH

 

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कायमगंज में भी निकाली गयी राम बरात 

मर्यादापुरूषोत्तम भगवान रामचन्द्र की बारात नगर में बड़े ही धूम-धाम के साथ निकाली गई। राम बारात में सजी आकर्षक झाकियां जहां दर्शकों को अतित के गौरवमयी इतिहास का साक्षात स्मरण करा रही थी वही सड़क के दोनों तरफ खड़े हजारों श्रृद्वालुओं की भीड़ अपने ईष्टदेव के दर्शन कर स्वंय को कृतार्थ करने के लिए शाम से ही सड़कों के दोनों तरफ आकर जम गई थी।
रविवार शाम मर्यादापुरूषोत्तम भगवान रामचन्द्र जी की बारात श्रीरामलीला समिति कायमगंज द्वारा बड़े ही धूम-धाम से मोहल्ला गंगादरवाजा के शिवाला भवन से प्रारम्भ हुई। बारात के साथ अलीगंज का मशहूर मां काली का अखाड़ा बारात में सबसे आगे चल रहा था। वही नौटंकी के कलाकार भी अपनी कला का पूरे मार्ग में प्रदर्शन करते श्रृद्वालुओं को आकर्षित कर रहे थे।

KALI बारात के आगे एटा का मशहूर जनता बैंड के कलाकार मंगल ध्वनियां बजाकर नगर को राममय कर रहे थे और कलाकारों द्वारा तरह-तरह के नृत्य व करतवों से बारात की शोभा बड़ा रहे थे। बारात में सजी झाकियों में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण व अराधना करते भगवान हनुमान, भगवान गणेश, बकासुर का वध करते भगवान श्रीकृष्ण, तांडव नृत्य करते भगवान शंकर, विराट रूप में मां दुर्गा, राम व रावण का युद्व, पंचमुखी हनुमान, नृत्य करते छोटे हनुमान, रासबिहारी जी, झूला झूलते राधा कृष्ण, सांई बाबा, कृष्ण सुदामा, अशोक वाटिका में बैठी माता सीता व हनुमान, कैलादेवी, अर्जुन के सारथी बने कृष्ण, भगवान कृष्ण को ले जाते वासुदेव, सीने में भगवान के दर्शन कराते हनुमान जी, नरसिंह भगवान व एक भव्य रथ पर राजा दशरथ व गुरू विश्वामित्र व सबसे पीछे भगवान राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघन का रथ चल रहा था। भगवान राम के स्वरूप को देखते ही  साक्षात भगवान राम की अनुभूति हो रही थी। भगवान राम के रथ के आगे मेरठ का राज बैंड अपनी मधुर भक्ति ध्वनि से लोगों का मन लुभा रहे थे। बारात के दौरान नगर को बड़े ही आकर्षक ढंग से सजाया गया है। चारों तरफ रंग विरंगी लाइटे लगी हुई थी। बारात के दौरान भगवान रामचन्द्र पर श्रृद्वालुओं द्वारा पुष्प वर्षा व जगह-जगह रामचन्द्र की आरती उतारी की जा रही थी। बारात मोहल्ला गंगादरवाजा से प्रारम्भ होकर नगर के मुख्य मार्ग बीजा मंडी, गुड़मंडी, गल्लामंडी, जटवारा, ट्रांसपोर्ट चौराहा, शिवाजी की मूर्ति, पृथ्वीदरवाजा, भूसा मंडी चौराहा, पटवन गली, चिलांका, छपट्टी, पुलगालिव, तहसील, काजम खां, बजरिया, श्यामागेट, लोहाई बाजार, मुख्य चौराहा होती हुई रामलीला स्थल पर सम्पन्न हुई।