पुनर्जन्म: हत्या के चार माह बाद जिंदा लौटा युवक

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FARRUKHABAD : अभी तक ऐसा फिल्मों में ही देखा व सुना गया था कि मौत के बाद फिर लोग लौट आते हैं। आम जिंदगी में ऐसा होता ही नहीं। लेकिन जहानगंज में हुई एक सनसनीखेज घटना ने सुनने वालों को सकते में डाल दिया। हत्या की खबर के बाद चार माह गुजारने पर युवक घर लौट आया तो उसे देखने वालों का तांता सा लग गया। पुलिस मामले को पहले ही फर्जी मान रही थी।reborn

बताते चलें कि आखिर हुआ क्या था – 24 मई 2012 को मझगवां जहानगंज से एक बारात पड़ोसी जनपद कन्नौज के ग्राम खड़नी गयी थी। बारात में मझगवां निवासी पवन पुत्र रामप्रकाश भी गया हुआ था। लेकिन बारात के द्वारचार के बाद खाना खाकर अचानक पवन रहस्यमय तरीके से गायब हो गया। पवन के पिता रामप्रकाश ने अपने सगे भाई रमेश, रामबाबू, हैती भतीजे के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज करायी थी।

तब से लेकर आज एक अक्टूबर तक परिजन व ग्रामीण पवन को मरा हुआ मान चुके थे। उसकी यादें भी धूमिल सी होने लगीं थीं कि अचानक एक बहुत बड़ा रहस्योदघाटन हुआ। जिसका किसी को अंदेशा तक नहीं था।

पवन अपने परिवार के सामने सही सलामत खड़ा था, यह नजारा देखकर पहले तो पवन के परिजनों की भी पलकें झपकना बंद हो गयी और फिर यह खबर जंगल की आग की तरह फैल गयी। उसे देखने वालों का तांता सा लग गया।

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जाने क्या है हकीकत- पवन मानसिक रूप से कुछ विक्षिप्त सा बताया गया है। उसका विवाह भी परिजनों ने कर दिया लेकिन उसकी पत्नी से भी नहीं पटती। इसी बात से गुस्साया पवन मौका देखकर खिसक गया। घर पहुंचे पवन ने परिजनों को जो कहानी गड़ी वह इस प्रकार है। पवन ने बताया कि बारात से लौटते समय उसे दोस्त शैलेन्द्र प्रताप सिंह निवासी छिबरामऊ मिल गया। जिसके साथ वह पहले भी सतना मध्य प्रदेश में रह चुका था। शैलेन्द्र प्रताप सिंह उसे उत्तरखण्ड ले गया। जहां पर उसने अमरनाथ मंदिर इत्यादि दिखाये और वहीं पर घूमते रहे। मंगवार को घर वापस आ गये।

क्या कहती है पुलिस – थानाध्यक्ष जहानगंज राघवन सिंह ने जेएनआई को बताया कि परिजनों ने किसी तरह का कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराया था। घटना सौरिख थाना क्षेत्र की थी। सौरिख में भी बात की गयी, वहां भी इस तरह का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। सिर्फ प्रार्थनापत्र इत्यादि दिये गये थे। युवक मानसिक विक्षिप्त होने की बजह से भटक गया था।