एक विशेष मनी लॉड्रिंग अदालत ने एनआरएचएम घोटाले में देवरिया से बीएसपी के विधायक रहे राम प्रसाद जायसवाल की पेंटहाउस और 27 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया है।
कोर्ट का मानना है ये संपत्तियां अपराध के जरिये अर्जित की गई हैं। जायसवाल ने अपने क्षेत्र के अलावा वाराणसी, मिर्जापुर, गोरखपुर और गाजियाबाद के इंदिरापुरम में भी अचल संपत्तियां खरीदी थीं।
इंदिरापुरम में उनका एक डुप्लेक्स पेंटहाउस है, जिसे कोर्ट ने जब्त करने का आदेश दिया है। सीबीआई ने जायसवाल और उनके पुत्र श्याम सुंदर के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इस पर संज्ञान लेते हुए जायसवाल और उनके पुत्र श्याम सुंदर के खिलाफ काले धन को सफेद करने का आरोप दर्ज कर लिया था। श्याम सुंदर कई कंपनियों के डायरेक्टर हैं।
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यही कंपनियां एनआरएचएम के तहत जारी किए गए ठेके के एवज में मिले रिश्वत का भुगतान लेती थीं। अदालत ने कहा कि राम प्रसाद जायसवाल कागज में बनी अपनी कंपनियों के जरिये रिश्वत का पैसा लेते थे।
कंपनियों के दफ्तर कोलकाता में दिखाए गए थे। रिश्वत के इन्हीं पैसों से अलग-अलग जगहों पर संपत्तियां खरीदी गईं। जायसवाल पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बाबूराम कुशवाहा के नजदीकी माने जाते रहे हैं।
पिछले साल एनआरएचएम घोटाले में सीबीआई ने बाबूराम कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया था। बहरहाल, प्रवर्तन निदेशालय ने मार्च में ही जायसवाल की 27 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियों को सील कर दिया था।
इसके बाद ताजा आदेश में उसने कहा कि ये संपत्तियां अपराध के जरिये अर्जित की गई हैं। लिहाजा इन्हें अब जब्त कर लिया जाएगा।