FARRUKHABAD : लोहिया अस्पताल में निलंबित बार्ड व्याय वेदराम व उसके परिजनों से विवाद होने के मामले में अदालत ने लोहिया अस्पताल के सीएमएस के खिलाफ हरिजन एक्ट का मुकदमा दर्ज करने के आदेश शहर कोतवाली पुलिस को दिये हैं। कोतवाली पुलिस ने अदालत के आदेश के १३ दिन बाद सीएमएस के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया.
विदित है कि बीते 27 जून को रात तकरीबन सात बजे वेदराम अपने पुत्र अर्पित को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराने गये थे। उनके साथ में उनका पुत्र करन सिंह भी था। घायल अर्पित से सीएमएस डा0 ए के मिश्रा ने अभद्रता कर दी थी। जिस पर विवाद हो गया था। चिकित्सकों ने बार्ड व्याय वेदराम व उसके पुत्र करन को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस पर दबाव बनाया था। डाक्टरों के दबाव में आकर पुलिस ने बगैर विवेचना के ही दोनो पिता पुत्रों को जेल भेज दिया। वेदराम के पुत्र करन सिंह ने अदालत में याचिका दायर की थी कि 27 जून को जब उसका भाई अर्पित लोहिया अस्पताल में भर्ती कराने ले गया था तो साथ में उसकी मां, पिता व भाई अरुण थे।
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अर्पित की हड्डी टूट जाने के कारण काफी दर्द हो रहा था। आपातकालीन बार्ड में ड्यूटी पर तैनात सीएमएस डा0 ए के मिश्रा से हमारे परिवार वालों ने जल्दी दवा देने व भाई के बहुत दर्द होने की बात कही। जिस पर डा0 ए के मिश्रा, उनके पिता वेदराम से झगड़ा करने लगे। पूरा नाम पूछकर जाति सूचक गालियां दीं व लाइन में बैठ जाने के बाद दवा देने को कहा। ज्यादा कहने पर मारपीट को आमादा हो गये व गाली के साथ-साथ जान से मार देने की धमकी दी व दबाव बनाकर झूठी रिपोर्ट के जरिये उनके पिता व भाई को मुल्जिम बना दिया।
याची करन सिंह पुत्र वेदराम की याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपी सीएमएस डा0 ए के मिश्रा के खिलाफ विधि अनुसार रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश शहर कोतवाली पुलिस को दिये/ कोतवाली पुलिस ने अदालत के आदेश के १३ दिन बाद सीएमएस के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया.