फर्रुखाबाद: तेज बुखार के साथ अचानक हालत बिगड़ी। मौके पर उपचार की व्यवस्था नहीं हो पायी या अस्पताल ले जाने में देर लग गयी और बुखार पीड़ित ने दम तोड़ दिया। घर वाले केवल इतना जान पाते हैं कि उनकी बेटी, बेटे या पत्नी को बुखार आया और पल भर में सांसें थम गयीं।
आंकड़ों में जायें तो पिछले 15 दिन में एक दर्जन लोग विचित्र बुखार के कारण दम तोड़ गये। स्वास्थ्य विभाग ने बवाल की संभावना जानी तो मलेरिया निरीक्षक भेजकर ब्लड स्लाइड बनवा दीं। उनकी जांच के बाद दवा वितरण को फिर स्वास्थ्य कर्मी मौके पर नहीं मिलते।
अजमतपुर और आरमपुर में चार लोग विचित्र बुखार के शिकार हुए। अजमतपुर में रैवारीलाल का पुत्र अरुण (25), आरमपुर निवासी रामकिशोर की पत्नी मिथलेश (38), अजमतपुर निवासी लालू का पुत्र विकास (12) और आरमपुर के राजेंद्र सिंह का पुत्र विशाल उर्फ मैकूलाल(3) की विचित्र बुखार से मौत हो गयी। एसीएमओ(प्रशासन) डा.राजवीर सिंह के नेतृत्व में गयी संक्रामक रोग विभाग की टीम ने जांच पड़ताल की और विचित्र बुखार से हाथ झाड़ लिये।
भटपुरा गांधी नगर निवासी मदनलाल के 10 वर्षीय पुत्र प्रदीप की सात अक्टूबर को मौत हो गयी थी। अमानाबाद निवासी मोहम्मद शाहिद के पुत्र इबाद (7) और कायमगंज के दत्तू नगला निवासी अल्लादीन की पत्नी नूरजहां की गाजियाबाद में मौत हो गयी। मोहम्मदाबाद क्षेत्र के मदनपुर निवासी संतोष दुबे की पुत्री काजल (6) और खिमसेपुर निवासी विश्राम सिंह (45) की मौत हो चुकी है। खिमसेपुर, सलेमपुर, मदनपुर, ऊगरपुर गौंडा, पसनिंगपुर में दर्जनों लोग विचित्र बुखार से पीड़ित हैं।
नवाबगंज निवासी मोहम्मद हसन की पुत्री शबा की 18 अक्टूबर को मौत हो गयी। एक निजी स्कूल के लिपिक जीतपाल शर्मा और शमसाबाद के मोहम्मद जुयेब को भी बुखार आया, हालत बिगड़ी और सांसें थम गयीं। सीएमओ डा.पीके पोरवाल ने बताया कि अजमतपुर और आरमपुर में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजकर रक्त पट्टिकाएं बनवायी गयी थीं।
मलेरिया वाले रोगियों को दवा दे दी गयी। 17 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में लोहिया अस्पताल में मलेरिया के 45 मरीज मिले। मच्छरों की रोकथाम के लिए पूरे जिले में एंटी लार्वा साइडल बी टेक्स का छिड़काव कराया जा रहा है।