आवश्यक सेवाओं के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं : कोर्ट

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Adhar Cardनई दिल्ली : देश की सर्वोच्च अदालत ने अपने एक फैसले में केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि इस बात का ध्यान रखा जाये कि किसी भी अवैध नागरिक का आधार कार्ड न बने | इसके साथ ही अदालत ने ये भी निर्देश दिए हैं कि आवश्यक सेवाओं जैसे एलपीजी कनेक्शन, टेलिफोन वगैरह के लिये आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है|

गौरतलब है कि घरेलू गैस पर उपभोक्ताओं की मिलने वाली छूट के रुपये इस महीने के शुरुआत से देश के 18 जिलों के उपभोक्ताओं के खातों में सीधे स्थानांतरित होना शुरू हो गया है।

एक अधिकारी ने बताया कि हालांकि प्रत्यक्ष लाभ स्थानांतरण योजना (डीबीटी) की शुरुआत कर्नाटक के तुमकुर जिले से की गई, लेकिन इसी के साथ देश के 18 जिलों में एक जून की मध्यरात्रि से यह योजना शुरू हो गई थी।

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घरेलू गैस सब्सिडी पर नकद बचत प्राप्त करने वाले जिलों में अनंतपुर, चित्तौड़, पूर्वी गोदावरी, हैदराबाद, रांगारेड्डी, दीव, उत्तरी गोवा, बिलासपुर, हमीरपुर, ऊना, तुमकुर, पथानामथित्ता, वेनाद, वर्धा, पुदुचेरी, नवान शेहर, खंडवा तथा हरदा जिले शामिल हैं।

इन जिलों में पहले से ही 60 लाख एलपीजी उपभोक्ता मौजूद हैं। कर्नाटक के मैसूर तथा हिमाचल प्रदेश के मंडी जिलों में चुनाव पूर्व आचार संहिता लागू होने की वजह से डीबीटी योजना के क्रियान्वयन को स्थगित कर दिया गया।

इस योजना के तहत आधार कार्डधारक सभी एलपीजी उपभोक्ताओं एवं जिन उपभोक्ताओं के बैंक खातों को आधार नंबर के आधार पर वरीयता क्रम में रखा गया है उनके बैंक खातों में एलपीजी का सिलेंडर बुक कराने पर तुरंत प्रति सिलेंडर 435 रुपये अग्रिम जमा कर दिया जाएगा।

अधिकारी ने बताया कि यह राशि उनके खातों में स्वत: जमा हो जाएगी। उन्हें एलपीजी सिलेंडर बाजार मूल्य पर ही दिया जाएगा।

अधिकारी ने आगे बताया कि आधार नंबर के आधार पर बैंक खातों की वरीयता न पाने वाले उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर बिना सब्सिडी के बाजार मूल्य पर ही दिए जाएंगे। उन्हें आधार नंबर के अनुसार अपने बैंक खातों की वरीयता बनवाने के लिए कुछ समय दिया जाएगा।