कुत्तों की नसबंदी, बंदरों को पकड़ने का टेंडर हुआ पास

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बरेली: शहर में उत्पात मचा रहे बंदर जल्द ही शाहजहांपुर, पीलीभीत और लखीमपुर खीरी के जंगल में दिखाई देंगे। वहीं गली-कूंचों में भौंक रहे आवारा कुत्तों की आबादी भी नियंत्रित होगी। दो संस्थाओं के टेंडर मंजूर हो गए हैं। बस नगर आयुक्त की सहमति मिलने का इंतजार है।

यह दूसरा मौका है, जब बंदरों को पकड़े जाने की तैयारी है। 600 बंदरों का ठेका हुआ है। टेंडर पड़ गए हैं। बरेली की ही जीवन संरक्षण संस्था का टेंडर स्वास्थ्य विभाग ने ओके कर दिया है। नगर निगम एक बंदर को पकड़कर जंगल में छोड़ने के नाम पर 399 रुपये खर्च करेगा। बंदरों को जंगल में छोड़ने के लिए वन विभाग से अनुमति मांगी गई थी, जो मिल गई है।

इन्हें शाहजहांपुर, पीलीभीत और लखीमपुर खीरी के जंगल में बराबर संख्या में छुड़वाया जाएगा। बंदरों को पकड़े जाने के साथ ही कुत्तों की बढ़ती संख्या रोकने के लिए भी प्रयास होंगे। 400 कुत्तों की नसंबदी का ठेका मध्य प्रदेश जिले के सिकंदराबाद की संस्था को दिया जा रहा है। एक कुत्ते की नसबंदी पर 599 रुपये खर्च होंगे। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. रवि शर्मा ने बताया कि टेंडर की फाइल मंजूरी के लिए नगर आयुक्त को भेज दी है। फाइल लौटते ही काम शुरू करा दिया जायेगा। पहले बंदर उन इलाकों से पकड़े जाएंगे, जहां से ज्यादा शिकायतें आ रही हैं।