लखनऊ: मुजफ्फरनगर दंगे में अपनी भूमिका पर उठे सवाल पर आजम को सफाई देनी पड़ी है। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आजम ने कहा कि इस पूरे दंगे में उनकी कोई भूमिका नहीं है। पुलिस वालों के आरोपों को खारिज करते हुए आजम ने कहा कि मैं अपने कॉल रिकॉर्ड्स भी चेक करवाने के लिए तैयार हूं।
उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी को फोन नहीं किया। उल्टा उन्होंने मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि पुलिस वालों के मुंह में जबरदस्ती बात डाली गई है। आजम ने कहा कि अगर उनकी कोई संदिग्ध भूमिका पाई जाती है, तो वह सजा के लिए भी तैयार हैं।
इस दौरान कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने भी सपा और भाजपा को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के लिए भाजपा और सपा सम्मिलित रूप से जिम्मेदार हैं। दिग्विजय ने आरोप लगाया कि ये इन्हीं दोनों दलों की मिलीभगत का नतीजा है। आजम ने सफाई देते हुए कहा कि यूपी में हुए किसी भी दंगे में उनकी कोई भूमिका नहीं है।
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दूसरी तरफ, सोशल मीडिया पर यह मुद्दा सबसे ज्यादा वायरल हो रहा है। आजम समर्थक इस मामले को राजनीतिक साजिश बताने में लगे हुए हैं। भाजपा और कांग्रेस समर्थक भी सपा पर निशाना साध रहे हैं। विधानसभा में भी इस मामले को लेकर बुधवार को हंगामा शुरू हो गया। भाजपा और बसपा के सदस्यों ने दंगों में सपा नेताओं की संदिग्ध भूमिका को लेकर सपा पर निशाना साधा और जमकर बवाल किया। इसकी वजह से सत्र को 30 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।
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