नेता विधायक और जिले की शिक्षा व्यवस्था- खंड शिक्षा अधिकारी को नहीं मिला चार्ज?

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corruptionफर्रुखाबाद: बेसिक शिक्षा के मंत्री भी शिक्षक दिवस पर ये कहकर शर्मशार हो चुके है कि उन्हें ये मंत्र्यालय ठीक नहीं लगता| शिक्षक शिक्षा देने की जगह वेतन, कमाई और भत्तो की ही चर्चा करता मिलता है, पढ़ाई की नहीं| दरअसल शिक्षा मंत्री को ये शर्मिंदगी उन्ही के महकमे के शिक्षको, बाबू और अफसरों के साथ साथ सत्ताधारी विधायको और नेताओ की वजह से उठानी पड़ रही है| शिक्षक और विभाग के अफसर अपनी ड्यूटी से चोरी करते है| स्थानीय विधायक और नेता इन शिक्षको को पोषित करते है| और बदले में बच्चो की खुमारी होती है| इन विधायको को सिर्फ अपने इर्द गिर्द मडराने वाले लोग चाहिए भले ही वे बच्चो का नुक्सान कर रहे हो| यही कुछ जिले में हो रहा है| जनता के साथ धोखा करने वाले वैसे तो ये चुने हुए नेता है मगर ये जनता के लिए कितना इन्साफ करते है इसकी मिशाल देखिये|
कायमगंज से हटना नहीं चाहते खंड शिक्षा अधिकारी जगरूप शंखवार-
प्रदेश शासन ने वर्तमान में कायमगंज में खंड शिक्षा अधिकारी के तौर पर नवाबगंज में तैनात महेश चन्द्र वर्मा का तबादला कर दिया है| कायमगंज में वर्तमान में इस पद पर जगरूप शंखवार तैनात है| खबर है कि म्रद्भाशी व्यवहार कुशल शंखवार की ठीक ठाक सेटिंग कायमगंज में हो गयी है| और इसीलिए उनकी पैरवी हो गयी है कि उनके स्थान पर आये खंड शिक्षा अधिकारी कायमगंज का चार्ज न ले|
फर्जी नामांकन और गायब शिक्षको का सबसे बड़ा ब्लाक है कायमगंज-
आपको जानकारी के लिए बता दे कि कायमगंज ब्लाक में सबसे ज्यादा गायब रहने वाले शिक्षको का धंधा चलता है| पिछले 5 साल से जेएनआई ने ऐसे सैकड़ो शिक्षको के नाम स्कूल सहित खोज कर खुलासा करता रहा है| तब सहायक शिक्षा अधिकारी पुष्पराज हुआ करते थे उनकी पैरवी निवर्तमान विधायक कुलदीप गंगवार करते थे| तब बसपा की सरकार थी| अब सपा की है| बेसिक शिक्षा के मामले में सरकार बदलने से कुछ नहीं होता| चोर बाजारी और भ्रष्टाचार एक जैसे ही चलते है| दूरदराज ग्रामीण अंचलो में और मुख्यालय से दूर होने के कारण छापेमारी कम हो पाने के कारण बिना स्कूल गए वेतन पाने का गोरखधंधा सबसे ज्यादा कायमगंज ब्लाक में ही होता है| लिहाजा सबसे बड़ी उपरी कमाई का भी इलाका है| अब विधायको को इस बात की क्या चिंता कि उनके इलाके के बच्चो को शिक्षा मिल रही है या नहीं| उन्हें तो समय से हाजिरी आदि का ही आनंद आता है| लिहाजा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी या फिर जहाँ भी जरुरत हो ऐसे लोगो की जमकर पैरवी भी करते है| खैर मामला शासन से तबादले पर गए महेंद्र चन्द्र शर्मा को पंद्रह दिन बाद भी कायमगंज में चार्ज नसीब नहीं हुआ है| खबर है कि एक विधायक की पैरवी पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शासन को तबादले के संसोधन का प्रस्ताव ……| अब समझ गए न| अगर बात गलत है तो जैसा नवाबगंज में वैसा ही कायमगंज में| खंड शिक्षा अधिकारी को काम तो एक जैसे ही करने है| मगर फिर भी कायमगंज में बने रहने का लालच क्यों? इस सम्बन्ध में जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से उनका वर्जन लेने के लिए फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया|
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