प्रदेश पुलिस में दारोगाओं की कमी को दूर करने के लिए नए सिरे से भर्ती का फैसला किया गया है। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में दारोगाओं के कुल 6400 पदों पर सीधी भर्ती करने का निर्णय हुआ।
गृह विभाग की ओर से इसके लिए प्रस्ताव बनाकर कैबिनेट की बैठक में रखा गया था, जिसे मंजूरी दे दी गई। इसमें पिछली भर्ती के 4000 पदों के अलावा 2400 नए पदों पर भर्ती होने का फैसला शामिल है।
प्रमुख सचिव गृह आएम श्रीवास्तव ने बताया कि पिछली परीक्षा के अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जा रहा है। इसके अलावा उन्हें कोई और सहूलियत नहीं दी जाएग़ी।
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उन्होंने कहा था कि चूंकि अदालत ने पिछली भर्ती प्रक्रिया को गलत ठहराया था, लिहाजा उस परीक्षा में बैठने वालों को एक और मौका दिए जाने के अलावा कोई और सहूलियत दिए जाने का औचित्य नहीं है।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक के दो ग्रेड सृजित
जेल अधिकारियों को सूलियत देते हुए सरकार ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक के पद के दो ग्रेड बना दिए हैं। अभी तक सिर्फ एक ग्रेड था। एक और ग्रेड बनने से इस पद पर तैनाती के अवसर बढ़ जाएंगे। इसके लिए गूह विभाग द्वारा बनाए गए प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी।
385 पदों पर होगी सेवानिवृत्त अभियोजन अधिकारियों की भर्ती
अभियोजन संवर्ग के रिक्त पदों की वजह से प्रदेश में अभियोजन की कार्यवाही में आ रही कठिनाई को दूर करने के लिए संविदा पर अभियोजन अधिकारियों की तैनाती करने का फैसला किया गया है। यह तैनाती रिक्त पदों के सापेक्ष होगी। इसके प्रस्ताव पर कैबिनेट ने अपनी बैठक में मंजूरी दे दी है।
प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव ने बताया कि अभियोजन अधिकारियों के कुल 385 पदों पर संविदा से भर्ती करने का फैसला किया गया है।
संविदा पर तैनाती के फैसले के अनुसार अभियोजन संवर्ग से सेवानिवृत्त अधिकारी को उत्तर प्रदेश स्थित उसके गृह जनपद को छोड़ कर प्रदेश के किसी भी जिले में तैनात किया जा सकेगा।
इन अधिकारियों की अधिकतम उम्र 65 वर्ष होनी चाहिए व शारीरिक, मानसिक रूप से अभियोजन अधिकारियों के दायित्व का निर्वहन करने में सक्षम हों। संविदा पर तैनात होने वाले अधिकारी के कार्य व दायित्व वहीं होंगे जो नियमित अभियोजन अधिकारी के होते हैं।
वरिष्ठता के आधार पर ही बनेंगे हेड कांस्टेबल से दारोगा
वर्षों से रुके हेड कांस्टेबिल से दारोगा पर तैनाती के क्रम को फिर से चालू किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कांस्टेबिल से दारोगा बनने की प्रक्रिया वरिष्ठता के आधार पर की जाएनी।
यह व्यवस्था पुलिस वे अलावा पीएसी व अग्निशमन विभाग आदि में भी प्रभावी होगी। पूर्व में रैंकर दारोगा पर भर्ती के लिए सिपाही व हेड कांस्टेबिल को यह प्रोन्नति परीक्षा के आधार पर किए जाने की व्यवस्था की गई थी, जिसे लेकर कुछ अभ्यर्थियों की मौत हुई थी।
इस मामले में गृह विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार किया था कि हेड कांस्टेबिल से दारोगा के पद पर वरिष्ठता के आधार पर प्रोन्नति की जाए। कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है।
मेडिकल कालेजों में अब नहीं होगा शिक्षकों का टोटा
राजकीय एलोपैथी मेडिकल कॉलेजों में अब शिक्षकों का टोटा नहीं होगा। सरकार ने सेवानिवृत्त चिकित्सा शिक्षकों को संविदा पर नियुक्त किए जाने की आयुसीमा 65 से बढ़ाकर 70 वर्ष कर दी है। निजी कॉलेजों में 70 वर्ष की आयुसीमा पहले से है।
प्रदेश में चिकित्सा स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकारी और निजी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। इसके कारण वरिष्ठ शिक्षकों की काफी कमी हो रही है।
इसके मद्देनजर कैबिनेट ने सेवानिवृत्त चिकित्सा शिक्षकों को संविदा पर नियुक्त किए जाने की आयुसीमा 65 से बढ़ाकर 70 वर्ष करने के� प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
केंद्रीय चिकित्सा परिषद अरसे से उम्रसीमा बढ़ाने की वकालत कर रहा था और उसी के पहल पर निजी कॉलेजों में पढ़ाने की आयु सीमा 70 वर्ष की गई थी। हालांकि अध्यापक की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष ही रहेगी और उसके बाद वह संविदा पर नौकरी कर पाएंगे।
न्याय विभाग में अब नियमावली से ही कंप्यूटर ऑपरेटरों की नियुक्ति
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने न्याय विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटरों की नियुक्ति व सेवा संबंधी कंप्यूटर डाटा प्रोसेसिंग नियमावली को मंजूरी दे दी। न्याय विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटरों की नियुक्ति व सेवा संबंधी नियमावली अब तक नहीं थी।
न्याय विभाग ने नियमावली में कंप्यूटर ऑपरेटरों की नियुक्ति के लिए 18 से 40 वर्ष की उम्र सीमा तय करने के साथ ही नियुक्ति में आरक्षण नियमों का पालन करने की व्यवस्था बना दी है।
नियुक्ति भी डायरेक्ट भर्ती से चयन समिति के जरिए होगी। आवेदक के लिए कंप्यूटर की जानकारी अनिवार्य कर दी गई है। इसके अलावा छुट्टी व सुविधाओं से जुड़े अन्य प्रावधान भी शामिल किए गए हैं। अब भविष्य में इसी नियमावली से ही विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर रखे जा सकेंगे।