भारत विविधाताताओ का देश है| रंग, भाषा, नियति, नियत ढंग, भेद, राजनीति सब अलग अलग| ऐसे में तुलना होना/करना लाजिमी है| हर दो बातो/चीजो की तुलना परिस्थियो और हालात के आधार पर किया जाना चाहिए| केवल एक बात से तुलना और प्रतिक्रिया कर देना स्वस्थ्य चर्चा नहीं बनती| पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का सादापन जगजाहिर है| चालीस साल में लड़कर लाल झंडे की बाट लगाने वाली ममता की सादगी आज भी कायम है| वे मुख्यमंत्री है, उनकी सुरक्षा का प्रोटोकॉल है फिर भी कई बार आउट ऑफ़ वे जाकर उनकी कार्यशैली देखने को मिलती है| नीचे दी गयी तस्वीर पर नजर डालिए और तुलना करिए-
तमाम सुरक्षा व्यवस्थाओं को धता बताते हुए बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बाइक पर बैठकर बारासात के कमदूनी गांव बाइक पहुंचीं। वह यहां एक कॉलेज छात्रा की रेप के बाद हुई हत्या के दस दिन बाद उसके परिजनों को सांत्वना देने के लिए गई थीं। उन्होंने एक महीने के भीतर दोषियों को सजा दिलवाने का भरोसा दिया।
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