लखनऊ: सीबीआइ ने आइएएस अधिकारी के. धनलक्ष्मी के खिलाफ चल रही जांच और तेज कर दी है। जांच एजेंसी ने नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग से उनकी तैनातियों का विवरण, पहली बार घोषित आय के दस्तावेज और यदि राज्य में यदि कोई जांच लंबित है है तो उसका ब्योरा मांगा है।
उत्तर प्रदेश कॉडर की आइएएस अधिकारी के. धनलक्ष्मी के खिलाफ सीबीआइ ने मामला दर्ज करने के बाद 26 नवम्बर 2011 को बंगलुरू, दिल्ली समेत चार ठिकानों पर छानबीन की थी, जिसमें आय से अधिक तीन करोड़ 15 लाख रुपए की चल-अचल सम्पत्ति मिली थी। इनका बड़ा हिस्सा आइएएस की माता के नाम था, जिनके पास इतनी आय के ज्ञात स्त्रोत नहीं थे। दो साल से सीबीआइ आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के इस मामले की जांच कर रही है।
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दो दिन पहले सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा के अधिकारियों का एक दल फिर नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग पहुंचा। इस दल ने यहां धनलक्ष्मी की यूपी में तैनाती से लेकर पहली बार घोषित आय से जुड़े दस्तावेजों की मांग की। सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक नियुक्त विभाग के अधिकारियों से यह भी पूछा गया है कि 2002 बैच की आइएएस कितने समय तक किस पद पर रही हैं। यूपीएसआइडीसी में कब तैनात हुईं और कितने समय रहीं (इस महकमे में ट्रोनिका सिटी घोटाला हुआ था)। सीबीआइ ने नियुक्ति विभाग से यह भी पूछा है कि क्या यूपी में सेवा के दौरान आइएएस के खिलाफ राज्य स्तर पर कोई जांच चल रही है। यदि चल रही है तो उसका ब्योरा भी उपलब्ध कराया जाए। नियुक्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वीकार किया कि सीबीआइ के विवेचनाधिकारी ने आइएएस के बारे में कुछ जानकारी मांगी है। जिसे जल्द ही उपलब्ध करा दिया जाएगा।